भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत मौसम के तांडव को देख रहे राज्य में अब ये बारिश और बाढ़ जानलेवा होती जा रही है। राज्य में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वर्षा और बाढ़ से राज्य के अलग-अलग इलाकों में 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 4000 से ज्यादा लोगों को रेस्क् कर उनकी जिंदगी को बचा लिया गया है। वहीं राज्य के अलग-अलग इलाकों से अब तक दर्जनों लोगों के लापता होने की भी सूचना है। जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में पिछले तीन-चार दिनों की बारिश और बाढ़ से 8 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि 2 लोगों की मौत भोपाल में तथा टीकमगढ़, रीवा, झाबुआ, बैतूल, रायसेन और पन्ना जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा भी सीएम ने की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को एक आपात बैठक भी बुलाई और अलर्ट जारी करते हुए पूरे प्रदेश के लिए इमरजेंसी नंबर 1079 जारी किया गया है। हालात को देखते हुए 10 जून को हलाली डेम में होने वाली कैबिनेट की बैठक भी रद्द कर दी गई है। सभी मंत्रियों को आपात स्थिति पर नज़र रखने और तत्काल मदद पहुंचाने के निर्देश भी सीएम ने दिए हैं।पुलिस ने बताया कि इसके अलावा भोपाल की शाहपुर झील के पास एक नाले में बाइक सहित बहने से सौरभ कटियार (21) नामक युवक की शनिवार दोपहर मौत हो गई। इससे पहले मंडला और सिंगरौली जिले में नाले के पानी के तेज बहाव में बहने से दो लोगों की मौत की सूचना मिली थी।मध्यप्रदेश में विन्ध्या और बुंदेलखंड क्षेत्र में वर्षा के बाद अब राज्य के मध्य हिस्सों में बारिश शुरू हो गयी है। कल रात भोपाल, रायसेन, विदिशा, बैतूल और होशंगाबाद जिलों में मूसलाधार वर्षा से जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य की नर्मदा, बेतवा और बरना सहित अधिकांश बड़ी और छोटी नदियां उफान पर हैं। होशंगाबाद और नेमावर में नर्मदा खतरे के निशान के नजदीक है। भोपाल में ऐशबाग, महामाई का बाग और सेमारा सहित कई निचले इलाके पानी में डूब गये हैं। दो लोगों के डूबने की खबर है। रायसेन जिले का मुख्य सड़क का सम्पर्क भोपाल, सागर और विदिशा से कट गया है। जिले के दर्जनों गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।होशंगाबाद में तवा बांध और बैतूल में सतपुड़ा बांध से पानी छोड़ा जा रहा है।बारिश ने नगर निगम और जिला प्रशासन की सभी तैयारियों की कलई खोल दी। ऐशबाग, महामाई का बाग, सेमारा के साथ ही नगर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया। वहीं कई मुख्य सड़कों के साथ ही कई पॉश कॉलोनिया भी जलमग्न दिखाई दी। कई इलाकों में बिजली गुल रहने से नागरिकों की दिक्कतें और बढ़ गईं।
ऐसा है हाल बाकी जिलों का … -टीकमगढ़:
मौसम विभाग ने 11 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यहां की धसान नदी उफान पर है।
-मुरैना:
पांच नदियों चंबल, क्वारी, सांक, आसन व सोन वाले जिला मुरैना में बारिश के दौरान बाढ़ के पानी से खतरा बढ़ गया है।
-रायसेन:
रायसेन-बरेली, भोपाल-बरेली, रायसेन- विदिशा सहित सिलवानी-उदयपुरा के रास्ते बंद हो गए हैं । नर्मदा किनारे बसा भारकच्छ कला गांव चारो तरफ से बंद हो गया है ।
हरदा:
नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ प्रभावितों के लिए प्रशासन ने शहर में छह स्थानों पर व्यवस्थाएं बनाई हैं। वहीं नर्मदा तट पर 20 जवान तैनात किए गए हैं।
-बैतूल:
तवा नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव डूबने लगे हैं।
-दमोह:
घरों में पानी भरने से लोग परेशान।
-छतरपुर:
गांवों में पानी भरा हुआ है।
-जबलपुर:
महाकौशल के सतना, रीवा आदि में बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए सेना और होमगार्ड के जवानों की मदद ली जा रही है।
होशंगाबाद:
नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। अगले दो दिन भी अलर्ट जारी किया गया है।
कहां कितनी बारिश…
प्रदेश में एक जून से 8 जुलाई तक हुई वर्षा के आधार पर 30 जिलों में सामान्य से अधिक, 11 जिलों में सामान्य जबकि 9 जिलों में औसत बारिश हुई है। -सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिले में जबलपुर, कटनी, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, सीधी, सतना, उमरिया, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ और होशंगाबाद जिले हैं। -बालाघाट, सिंगरौली, अनूपपुर, इंदौर, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा और आगर जिलों में कम बारिश हुई है लेकिन यहाँ भी आने वाले घंटों में भारी बारिश का अलर्ट दिया गया है। -बुरहानपुर में बहुत कम बारिश हुई है।
यहां की स्थिति…
-कलेक्टर सतना से मिली जानकारी के अनुसार जिले की प्रमुख नदी टमस, सोन और मंदाकिनी का जल-स्तर बढ़ने से 300 प्रभावित लोगों को अस्थायी शिविर में ठहराये जाने की व्यवस्था की गयी है। -जिले की तहसील रघुराज नगर के बाढ़ प्रभावित 400 व्यक्ति को सेना द्वारा राहत शिविर तक पहुंचाया गया। -बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस प्रशासन, राजस्व, होमगार्ड बचाव कार्य में लगे हैं। -कलेक्टर रीवा ने जानकारी दी है कि सिरमौर भडरा में पिछले दिनों बाढ़ में फंसे 3 व्यक्ति को सेना के हेलीकॉप्टर से बचाया गया। आगे भी जहां भी जरुरत हो रही है रेस्क्यू किए जा रहे हैं।
25 जिलों में हुई सामान्य से अधिक वर्षा
मध्य प्रदेश में एक जून से 8 जुलाई तक हुई वर्षा के आधार पर 25 जिलों में सामान्य से अधिक, 16 जिलों में सामान्य, 9 जिलों में कम और एक जिले में अल्प वर्षा हुई है। प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सामान्य से अधिक वर्षा वाले 25 जिलों में जबलपुर, कटनी, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, सीधी, सतना, उमरिया, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ और होशंगाबाद जिले शामिल हैं।प्रदेश के 16 जिलों डिण्डोरी, टीकमगढ़, रीवा, शहडोल, धार, अलीराजपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, श्योपुरकला, भिण्ड, हरदा और बैतूल में सामान्य वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि बालाघाट, सिंगरौली, अनूपपुर, इंदौर, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा और आगर जिले कम वर्षा वाले जिलों की श्रेणी में हैं। इसके अलावा बुरहानपुर जिले में अल्प-वर्षा दर्ज की गई है।
200 गांवों का संपर्क टूटा
बैतूल जिले और आसपास के क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के कारण जिला मुख्यालय का करीब 200 गांव से संपर्क टूट गया है। -भारी बारिश के चलते तवा नदी के राजडोह घाट पार स्थित लोनिया गांव में भी घुसा गया है। सारनी थाना क्षेत्र से मिली जानकारी के अनुसार तवा नदी के दूसरी तरफ बसे लोनिया गांव में शुक्रवार को अचानक पानी भर गया था। -जल स्तर बढ़ जाने के कारण 15 लोग टापू पर ही फंस गए थे। जिन्हें बाद में बचा लिया गया।
Photo By : Mohd Saeed Khan
भोपाल में सड़कों पर नाव चलानी पड़ीं
लगातार भारी बारिश के चलते भोपाल की निचली बस्तियों में पानी भर गया है। -आधी रात से ही लोगों के घरों में पानी घुसना शुरू हो गया था। लगभग सभी नदी-नाले पुल के ऊपर से बह रहे हैं। -ये हालात केवल निचली बस्तियों में ही नहीं है बल्कि शहर के पॉश इलाक़े की सोसायटी में भी लोग सुबह से घर में घुसे पानी को निकालने में लगे थे। -बारिश में तीन लोगों की मौत हो गई है। चूना भट्टी, राजीव नगर और कोहेफिजा में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। -कई जगह सड़कों पर नाव चलाकर लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा।
मध्यप्रदेश में बारिश का 25% कोटा पूरा
– पूरे सीजन में 99 सेंटीमीटर बारिश होती है। अभी तक 25 सेंटीमीटर बारिश हो चुकी है। – यानि कुल बारिश का करीब 25% कोटा पूरा हो गया है। – 9 जुलाई तक प्रदेश में एवरेज 18.2 सेंटीमीटर बारिश होती है, जबकि इस साल 24.5 सेंटीमीटर हो चुकी है। यानि प्रदेश में करीब 35% ज्यादा बारिश हुई है। – प्रदेश में अब तक सबसे अधिक मंडला में 75.3 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। – मंडला के बाद सबसे अधिक बारिश सतना में 75 सेंटीमीटर हुई है।
सभी जिलों में 9 जुलाई तक स्कूलों की छुट्टी मध्य प्रदेश के रीवा, रायसेन, टीकमगढ़, कटनी,सियोनी और नरसिंहपुर में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है. इन सभी जिलों में 9 जुलाई तक स्कूलों की छुट्टी कर दी गई हैं. प्रदेश की कई नादियां नर्मदा, पार्वती, चंबल, केन, तवा, तमस और सुनार उफान पर हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद हालात पर नजर बना हुए हैं.पहली बाढ़ नहीं झेल पाए बांध पन्ना जिले में नवनिर्मित बांध पहली ही बारिश में बह गए। इनमें से एक सेरोह बांध इटवा गांव में 27 करोड़ की लागत से बनवाया गया था। दूसरा बांध बिलपुरा गांव में 11 करोड़ की लागत से बनाया गया था। दोनों बांध जल संसाधन विभाग ने बनवाए थे। घटिया निर्माण की वजह से ये बांध पहली ही बारिश में बह गए।सतना में बाढ़ के हालात सतना, सागर, दमोह और टिकमगढ़ सहित कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति भयावह बन गई है। हमारे संवाददाता ने बताया है कि सतना में बाढ़ में फंसे लोगों के बचाव के लिए सेना की मदद ली जा रही हैं।सतना जिला मुख्यालय में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में जिला प्रशासन और सेना द्वारा राहत और बचाव कार्य अब भी जारी है। जिले में करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। विदिशा जिले का सागर और रायसेन से संपर्क अब भी बाधित है। वहीं रायसेन जिले में उफन रही बारना नदी में जबलपुर, भोपाल के बीच सड़क संपर्क को बाधित कर दिया है। उधर मुरैना में पिकनिक बनाए गए तीन युवक चंबल नदी में बह गए। सतना में पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। आलम यह है कि बस्तियों और गांव में नाव चल रही है और मदद के लिए सेना भी बुलाई गई है। सतना जिले में तीन दिनों में हुई बारिश ने यहां के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। बाढ़ नियंत्रण अधिकारी और होमगार्ड की कमांडेंट मधुराजे तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि जिले के तिजेला, कुपालपुर, उचवा टोला सहित कई गांव में पानी भर गया है। बीते दो दिनों में इन गांवों से एक हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
Photos By :- Mohd.Saeed Khan & Zahoor Ansari
Photos By :- Zahoor Ansari & Mohd.Saeed Khan
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