मप्र का ट्रेफिक हवलदार, जिसने दर्जनों तस्कर पकड़े |

डिंडौरी। यातायात थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक आनंद मोहन मिश्रा ने जान जोखिम में डालकर डिंडौरी जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अपने मजबूत सूचना तंत्र, सूझबूझ एवं बहादुरी से गांजा, अवैध शराब व पशु तस्करों पर नकेल कसी है। अब तक प्रधान आरक्षक द्वारा लगभग एक दर्जन से अधिक तस्करी पर बड़ी कार्रवाई की गई है। यातायात नियमों का पाठ वाहन चालकों को पढ़ाने के साथ ही आरक्षक द्वारा अवैध तस्करी पर कार्रवाई भी की जा रही है। गांजा के साथ शराब, पशु तस्करी पर भी अब तक बड़ी कार्रवाई हो चुकी है। मजबूत सूचना तंत्र के चलते जिला मुख्यालय से गुजरने वाले वाहनों की विशेष पड़ताल कर जान जोखिम में डालते हुए यह कार्रवाई की गई है। विभाग द्वारा अब प्रधान आरक्षक को बड़े स्तर पर पुरस्कृत करने की तैयारी की जा रही है।

गांजा तस्करी पर सबसे अधिक कार्रवाई

यातायात प्रधान आरक्षक द्वारा अब तक गांजा तस्करी पर सबसे अधिक कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ से डिंडौरी होते हुए मप्र, उत्तरप्रदेश के तमाम शहरों में पहुंचने वाले गांजा तस्करी पर विशेष कार्रवाई की गई है। अब तक 5 करोड़ से अधिक की गांजा की जब्ती की जा चुकी है। मादक पदार्थो के अवैध तस्करों के तार उत्तर प्रदेश तक जुड़े है। सितंबर 2016 में बजाग में पदस्थापना के दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों व घने जंगल से प्रधान आरक्षक आनंद मोहन मिश्रा एक पिकअप वाहन क्रमांक यूपी 90 टी 5122 में रखा 131 किलो गांजा मय दो आरोपियों के बंदूक की नोंक पर अकेले ही अदम्य साहस का परिचय देते हुए 15 किमी दूर से थाने तक लाया। जिसके लिए आईजी शहडोल डीके आर्य ने बहादूरी के लिए 20 हजार रूपए का इनाम भी दिया था। 26 सितंबर 2016 को फिर से आनंद मोहन की सूचना पर थाना बजाग पुलिस ने एक स्कार्पियो वाहन में 108 किलो गांजा की खेप पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी।

तीसरा प्रकरण 28 फरवरी 2017 को टाटा इंडिगो वाहन क्रमांक यूपी 93 एसी 1700 का आनंद मोहन ने डिंडौरी से पीछा करते हुए थाना शहपुरा को सूचना देकर 31 किलो 200 ग्राम गांजा जब्त एवं तीन आरोपियों को गिरफ्तार करवाया था। चौथा दिनांक 26 जून 2017 एक ट्यूव्ही गाड़ी क्रमांक एमपी 17 सीबी 3618 को डिंडौरी से पीछा एवं घेराबंदी करते हुए पुलिस कंट्रोल रूम एसपी डिंडौरी एवं थाना शाहपुर को सूचना देते हुए गोरखपुर शाहपुर में गाड़ी से 188.220 किलो गांजा व एक आरोपी को पकड़ा। इसी तरह 23 मई को बड़ी कार्रवाई करते हुए 60 हजार रूपए से अधिक की अवैध शराब धरपकड़ पर कार्रवाई प्रधान आरक्षक द्वारा की गई है।

पीछा करके वाहन को पकड़ा

26 मई को पीछा करते हुए चार पहिया वाहन से 188 किलो गांजा जब्त करने की बड़ी कार्रवाई की गई। इसी तरह 11 अगस्त को बिना नंबर के चार पहिया वाहन से कॉलेज तिराहा के पास लगभग 99 किलो गांजा बरामद कराने में भी प्रधान आरक्षक ने सफलता हासिल की। 13 सिंतबर को एक लग्जरी क्वालिस गाड़ी क्रमांक डीएल 19 एच 0267 को बड़ी ही सूझबूझ एवं बहादुरी से अकेले ही घेराबंदी कर थाना यातायात के सामने पकड़कर एसपी डिंडौरी को सूचना देकर 154 किलो गांजा एवं दो आरोपी पकड़वाए। जो छत्तीसगढ़ से उत्तरप्रदेश गांजा ले जा रहे थे। 6 अक्टूबर 2017 को प्रधान आरक्षक आनंद मोहन मिश्रा ने पुलिस आरक्षक डिंडौरी को सूचना देकर थाना गाड़ासरई में दो कारों से पेंड्रा से उत्तरप्रदेश ले जाया जा रहा 116 किलो गांजा एवं 5 आरोपियों को पकड़वाया. जिस पर हवलदार आनंद मोहन मिश्रा की गाड़ी पर गांजा तस्करों द्वारा एक बार हमला किया गया एवं धमकियां भी दी गई और 5-5 लाख रूपए तक का प्रलोभन दिया गया, फिर भी आनंद मोहन का ईमान नहीं डोला। हवलदार आनंद मोहन मिश्रा ने डिंडौरी में मां नर्मदा नदी होने के कारण पूर्ण शराब बंदी पर अवैध शराब की भी चार बड़ी कार्रवाईयां एवं पशु तस्करी की भी कार्रवाही कराने में अपनी भूमिका निभाई है। हाल ही में एक जनवरी को 2018 को सुबह ही घेराबंदी कर प्रधान आरक्षक ने जान जोखिम में डालकर 58 किलो गांजा एक लग्जरी एक्ससेंट कार से पकड़ा। दो आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की थी।

इसी तरह 2009 में एक यात्री बस में शासकीय कार्य हेतु यात्रा कर रहे आनंद मोहन मिश्रा ने रात्रि के 11 बजे पडरिया पिपरिया जिला जबलपुर के जंगल में बस में लूट कर रहे तीन बदमाशों से अकेले ही बहादुरी से लड़ते हुए अन्य यात्रियों को लुटने से बचाया था और थाना खम्हरिया में लूट का मामला दर्ज करवाकर तत्काल दो बदमाशों को गिरफ्तार करवाया था। तभी से आज तक खम्हरिया पिपरिया के जंगल में कोई लूट की घटना नहीं हुई। इसके पूर्व आए दिन घटनाएं होती रहती थी। इसी साहसिक कार्य के लिए आईजी शहडोल श्री एपी सिंह ने एक हजार का पुरूस्कार दिया था। आनंद मोहन मिश्रा को अनेक बार 15 अगस्त और 26 जनवरी पर भी सम्मानित किया जा चुका है। हाल ही में आईजी शहडोल श्री आईपी कुलश्रेष्ठ ने प्रधान आरक्षक आनंद मोहन मिश्रा को रूस्तम पुरूस्कार से पुरूस्कृत करवाने हेतु पीएचक्यू अनुशंसा भेजने की बात कही है।

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