भोपाल। देशभर में 10.52 लाख फर्जी पैन कार्ड प्रचलन में हैं, लेकिन इनमें से कितने मप्र में इस्तेमाल किए जा रहे हैं इसके बारे में पुख्ता जानकारी विभाग या वाणिज्यकर विभाग के पास नही हैं। हालांकि आॅफ द रिकॉर्ड मप्र में फर्जी पैनकार्ड 70 से 80 लाख बताए जा रहे हैं। वहीं पैनकार्ड से आधारकार्ड लिंक करवाने का शुक्रवार को आखिरी दिन भी है। दरअसल, प्रदेश में पैन कार्ड के वेरीफिकेशन की तो कोई मुहिम नहीं चलाई गई, लेकिन आयकर और वाणिज्यकर विभाग को ऐसी शिकायतें मिलने पर सतर्कता बरतने के लिए कहा गया था। ताकि ऐसे पैनकार्ड, जिनका मिलान आयकर या सेल्स टैक्स विभाग के डाटा से नहीं हो रहा था, उनको ट्रेस करके निरस्त करने की कार्रवाई हो सके। सूत्रों का दावा है कि कथित फर्जी पैनकार्ड व्यापारी वर्ग, नौकरी पेशा, कृषक एवं स्टूडेंट्स के साथ अन्य वर्ग के हैं, क्योकि पैनकार्ड बनाने की प्रक्रिया लम्बी होने के कारण अमूमन लोगों को दलालों का सहारा लेना पड़ता रहा है। इसी से पैनकार्ड में कई लोगों की फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर पैनकार्ड बनवाए गए हैं, जिससे फर्जी हो गए हैं।
आॅनलाइन बन रहे पैनकार्ड
इन दिनों आॅन लाइन पैनकार्ड बनाने वाली कई तथाकथित कंपनियां काम कर रही है और वे तीन दिनों में आॅन लाइन पैनकार्ड बनाने का दावा भी कर रही है। ऐसी कंपनियों के चक्कर में ही फर्जी पैनकार्ड बनने का खतरा बढ़ गया है।
सॉफ्टवेयर ने नकारे फर्जी पैनकॉर्ड
रिपोर्ट में कई ऐसे पैनकार्ड का पता चला, जोकि संदेहास्पद थे।
इनमें नाम और पता गलत दर्ज होने के अलावा अन्य जानकारियां भी अपूर्ण या अधूरी होने से साफ्टवेयर ने नकार दिया। ऐसे में पैनकार्ड को नए सिरे से बनवाना पडेगा या दुरुस्त करवाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में पेश की रिपोर्ट
देश में 10.52 लाख फर्जी पैन कार्ड होने की स्टेटस रिपोर्ट आयकर विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश की जा चुकी है, जोकि कुल पैन कार्डों का 0.4 प्रतिशत हैं। गौरतलब होगा कि धारा 139 ए आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए और पैन कार्ड के आवंटन की याचिका दायर करने के लिए आधार या उसके लिए किए गए आवेदन के पंजीकरण संबंधी जानकारी देने को अनिवार्य बनाती है। यह प्रावधान एक जुलाई से लागू हो जाएगा।
दावा किया गया है कि फर्जी पैन कार्डों का इस्तेमाल फर्जी कंपनियों को धन पहुंचाने में इस्तेमाल किया जाता था। विदित है कोर्ट ने पैनकार्ड से आधार जोड़ने संबंधी अनिवार्यता के खिलाफ दायर याचिका पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया है।
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