मप्र में रिलायंस ‘आर कॉम’ के हजारों कर्मचारी हुए बेरोजगार

भोपालकर्ज के बोझ तले दबे रिलांयस कम्युनिकेशन ‘आरकॉम’ से कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने की आग नवी मुंबई स्थित रिलांयस कम्युनिकेशन मुख्यालय से अब मप्र भी पहुंच चुकी है। रिलायंस आरकॉम का 2 जी और थ्री जी का लाइसेंस भी समाप्त हो चुका है। ऐसे में राजधानी समेत प्रदेशभर से आरकॉम के करीब डेढ़ हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है, जबकि गुजरात से डेढ़ हजार कर्मचारी अबतक निकाले जा चुके हैं। आलम यह है कि मप्र समेत देशभर में आरकॉम के 90 फीसद कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। ऐसे में वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब रिलांयस कम्युनिकेशन का नाम टेलीकॉम इंडस्ट्री के अतीत के पन्नों में होगा। 44,300 करोड़ का कर्जा उतारने के लिए रिलायंस कम्युनिकेशन को दिसंबर 2018 की मियाद मिली है। इस्तीफा लिखने के दबाव से जूझ रहे रिलायंस कम्युनिकेशन के वरिष्ठ अफसरों की माने तो 30 नवंबर तक रिलायंस कम्युनिकेशन की 2जी और 3जी सेवाएं पूरी तरह बंद होना है। आरकॉम अपने करोड़ों ग्राहकों को मैसेज भेजकर सेवाएं किसी दूसरे टेलीकॉम में पोर्ट कराने की अपील कर चुका है। वहीं, मीडिया में बीते कुछ दिनों से बीएसएनएल समेत दीगर मोबाइल नेटवर्क कंपनी द्वारा आरकॉम के ग्राहकों के स्वागत वाले विज्ञापन चल रहे हैं।

आॅरकॉम को श्रम विभाग ने किया तलब

शिकायत के बाद श्रम विभाग ने आरकॉम के अधिकारियों को तलब किया है। मंगलवार को भोपाल स्थित सेंट्रल लेबर डिपार्टमेंट के कमिश्नर ने एचआर हेड व अन्य आरकॉम के मौजूदा अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया है।

2017 दिसंबर तक करना होगा कर्जा कम

कर्ज चुकाने के लिए रिलायंस कम्युनिकेशन को दिसंबर 2018 तक वक्त मिला है। लेकिन, शर्त ये है कि इसे पूरी तरह चुकाने से पहले 2017 दिसंबर तक कर्ज को काफी कम करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक और कर्ज देने वाले दूसरे वित्तीय संस्थान, कंपनी के मैनेजमेंट को अपने कब्जे में ले लेंगे।

आरकॉम अब ‘एमवीएनओ’ की तरह करेगा काम ..

आरकॉम अब एक मोबाइल वर्चुअल नेटवर्क आॅगर्नाइजर (एमवीएनओ) की तरह काम करेगा जो सिर्फ 4जी और बिजेनस-टू-बिजनेस पर कारोबार करतेगी। एमवीएनओ के पास अपना खुद का स्पेक्ट्रम या नेटवर्क नहीं होता है।

सोशल मीडिया पर कैंपेन

सोशल मीडिया के ट्विटर और फेसबुक पर आरकॉम कर्मचारियों ने #सेव आरकॉम एम्पलाइज नाम से सिग्नेचर कैंपेन शुरु कर दिया है। जिसमें आरकॉम के कर्मचारियों की नौकरियां बचाने की अपील की जा रही है।

मप्र में भी लोगों को निकालने का सिलसिला जारी

मप्र सर्किल के एक अफसर के अनुसार प्रदेश में आरकॉम के 2 हजार कर्मचारी थे, इनमें से तकरीबन 1500 से ज्यादा को निकाल दिया गया है। एचआर कर्मचारी को फोन कर व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने के निर्देश दे रहा है।

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