नई दिल्ली। एनआईए ने 2008 में मालेगांव में हुए बम धमाकों में आरोपी बनाई गई साध्वी प्रज्ञा समेत 6 लोगों को क्लीन चिट दे दी है। एनआईए ने शुक्रवार को अदालत में जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें इन लोगों के नाम नहीं हैं। इसके बाद अब इन सभी लोगों पर से मकोका हटा लिया जाएगा।
चार्जशीट में शहीद हेमंत करकरे की जांच को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
चार्जशीट दायर होने के बाद एनआईए के डीजी शरद कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सारी बातें चार्जशीट में दर्ज हैं और हमने उसी के हिसाब से कार्रवाई की है।
खबर सामने आने के बाद भाजपा नेता मिनाक्षी लेखी ने कहा कि मैं लंबे समय से कह रही हूं कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कोई केस नहीं है। जिन्होंने साध्वी प्रज्ञा से दुर्व्यवहार किया उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। वहीं इस मामले में लगातार बयान देने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं केंद्र से कहना चाहता हूं कि हमें पता है आप मालेगांव धमाके के आरोपियों को बचाना चाहते हैं क्योंकि आपका उनसे संबंध है।
सूत्रों के अनुसार चार्जशीट में हेमंत करकरे की जांच में कई खामियां होने के साथ्ज्ञ ही गवाहों पर दबाव बनाए जाने की बात भी सामने आई है। इसमें एक बड़ा खुलासा यह भी किया गया है कि कर्नल पुरोहित को गिरफ्तार करने से पहले उनके घर में विस्फोटक रखा गया था ताकि उन्हें फंसाया जा सके।
एनआईए इन सभी के खिलाफ मकोका हटाकर गैर इरादतन हत्या का मामला चलाया जाएगा। मालूम हो कि 2008 में मालेगांव में हुए बम धमाके में 4 की मौत हो गई थी वहीं 79 घायल हो गए थे।
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