कुर्सी (बाराबंकी). उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा के जवाहरबाग में अतिक्रमणकारियों और पुलिस बल के बीच हुए खूनी संघर्ष के लिए सूबे के प्रशासन और खुफिया तंत्र की ‘चूक’ स्वीकार करते हुए कहा कि पुलिस को हमलावरों की तैयारियों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी.
विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा में हुई वारदात पर दुख जाहिर करते हुए कहा ‘यह एक चूक है. मैं समझता हूं कि पुलिस को पूरी तैयारी और बातचीत के साथ वहां जाना चाहिए था, लेकिन जानकारी में नहीं था कि उनके (कब्जा करने वाले) पास इतना कुछ होगा.’ उन्होंने कहा कि कथित सत्याग्रही लोग सरकार की जमीन पर बैठे थे.
उनसे कई बार बातचीत भी हुई थी, बावजूद इसके वे नहीं हटे.
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मालूम हो कि मथुरा में उद्यान विभाग की संपत्ति जवाहर बाग पर वर्ष 2014 से अवैध रूप से काबिज कथित सत्याग्रहियों को अदालत के आदेश पर गुरुवार शाम हटाने पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक दल पर बमों और बंदूकों से हमला किया गया था. इस वारदात में पुलिस अधीक्षक (नगर) मुकुल द्विवेदी और थानाध्यक्ष संतोष यादव की भी मौत हो गयी जबकि 22 उपद्रवी भी मारे गये.
कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती देती जवाहरबाग की घटना के बाद सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है. उनका कहना है कि सरकार ने वर्ष 2014 में कथित सत्याग्रहियों को जवाहरबाग पर कब्जा ही क्यों करने दिया. कब्जे के बाद राजनीतिक संरक्षण मिलने से उनके हौसले बढ़ते गये, नतीजतन कब्जा हटाने गये पुलिसकर्मियों पर दुस्साहसिक हमला हो गया.
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