दुनिया भर में सावन के महीने में बारिश को बुलाने के लिए क्या कुछ नहीं किया जाता। कहीं पूजा पाठ होते हैं तो कहीं यज्ञ किए जाते हैं। गांवों में लोग आज भी परम्पराओं और मान्यताओं को लेकर चलते है। यहां पर लोग अपनी परम्पराओं के लिए कुछ भी करते है। बंगलुरु के ग्रामीण क्षेत्रों में दो लडक़ों की शादी करवाना आम बात है।
ये एक ऐसी परंपरा है जिसे गुप्त रखा जाता है। जिससे उस क्षेत्र में अच्छी बारिश हो। बारिश के लिए करवाई गयी इस अनोखी शादी में एक लडक़ा दूल्हे की पोशाक में तैयार होता है तो दूसरा लडक़ा दुल्हन की पोशाक में। फिर इन लडक़ों की शादी करवाई जाती है। गांव वालों का कहना है कि यह शादी पर्याप्त बारिश लाने के लिए की गई पूजा का एक हिस्सा होती है।बारिश के लिए की जाती है:
गांव वालों का मानना है कि इस शादी से पूरे क्षेत्र में खुशहाली आती और गांव समृद्ध होता है। इस अनोखे विवाह का आयोजन महाशिवात्रि के पावन पर्व पर किया गया। मंदिर में यह विवाह संपन्न हुआ और इसके साक्षी कई लोग बने। लडक़ों की शादी का यह रिवाज ‘हाराके‘ परंपरा का एक हिस्सा होता है। पूरे क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि के लिए इस पूजा का आयोजन किया जाता है।
दूल्हा दुल्हन की पौशाक:
इसके लिए दो लडक़ों को चुना जाता है, फिर उन्हें दूल्हा-दुल्हन की पोशाकों में सजाया जाता है। इस समृद्धि की शुरुआत बारिश के साथ होती है।
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