यूपी चुनाव में जेल से चुनाव लड़ रहे तीन प्रत्याशी, पांच ने पत्नियों को उतारा मैदान में

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव में वैसे तो सारे दलों ने जीत के लिए दमखम लाग रखा है। मगर, यहां की सियासी बिसात में जेल में बंद कुछ रसूखदार कैदी भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। तीन कैदी जेल से ही चुनाव के मैदान में उतरे हैं, तो वहीं जेल में बंद पांच कैदियों ने अपनी पत्नियों को समर्थन दिया है।
चुनाव लड़ रहे जेल में बंद कैदियों में डॉन मुख्तार अंसारी और विनीत सिंह बसपा के टिकट से ताल ठोंक रहे हैं। वहीं, अमनमणि त्रिपाठी इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। अंसारी चार बार मऊ सदर से विधायक रह चुके हैं और फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं। उनकी पार्टी कौमी एकता दल का अब बसपा में विलय हो चुका है।
वह कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से एक साल 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का है। इसकी सुनवाई दिल्ली की एक अदालत में चल रही है। मुख्तार को 16 दिनों की कस्टटी पैरोल की अनुमति पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी। मामले की अगली सुनवाई बुधवार है।
वहीं, वाराणसी के विनीत सिंह, चंदौली से चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2003 में दर्ज एक अपहरण के मामले में वह फिलहाल रांची जिला जेल में बंद हैं। उन्हें अपना नामांकन दाखिल करने के लिए झारखंड उच्च न्यायालय से आठ दिन राहत मिल गई थी।
सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे अमर मणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं और महाराजगंज की नौतनवा से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले उन्हें सपा की ओर से उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन अपनी पत्नी सारा के हत्या के मामले में सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
जेल में बंद अन्य कैदियों में, जिनकी पत्नियां चुनाव लड़ रही हैं, उनमें संजीव माहेश्वरी में हैं। वह मैनपुरी जिला जेल में बंद हैं, उन पर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या सहित सात मामले दर्ज हैं। उनकी पत्नी पायल रालोद के टिकट पर मुजफ्फरनगर से चुनाव मैदान में हैं।
इसी हत्या के मामले में आरोपी प्रेम सिंह उर्फ ​​मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा अपना दल (कृष्णा पटेल) की टिकट से जौनपुर की Madiyahun सीट से चुनाव लड़ रही हैं। मुन्ना झांसी जिले जेल में बंद हैं और उन पर आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
मिर्जापुर जिला जेल में बंद भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक उदय भान करवरिया की पत्नी नीलम इलाहाबाद की मेजा सीट से चुनाव लड़ रही है। वह भाजपा की प्रत्याशी नहीं हैं। जवाहर पंडित की इलाहाबाद में साल 1996 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उदय भान मुख्य आरोपी हैं। जवाहर पंडित की पत्नी विजमा यादव इलाहाबाद के प्रतापपुर सीट से सपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
डॉन से नेता बने पूर्व विधायक डी पी यादव की पत्नी उमलेश बदायूं जिले की Sahaswan सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वह राष्ट्रीय परिवर्तन दल की टिकट पर मैदान में उतरी हैं। डीपी यादव 13 सितंबर, 1992 में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिछले साल बिजनौर में पेद्दा गांव में हुए सांप्रदायिक दंगों के आरोपी ऐश्वर्या चौधरी की पत्नी शुचि भाजपा के टिकट पर बिजनौर से चुनाव लड़ रही हैं। ऐश्वर्य महाराजगंज जिला जेल में बंद हैं।

Be the first to comment on "यूपी चुनाव में जेल से चुनाव लड़ रहे तीन प्रत्याशी, पांच ने पत्नियों को उतारा मैदान में"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!