वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राज बब्बर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने जातीय समीकरणों का ध्यान रखते हुए राज बब्बर के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में चार उपाध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री को उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने के लिए प्रदेश छानबीन समिति की कमान सौंपी गई है।
उत्तर प्रदेश से तीन बार लोकसभा सांसद रहे राज बब्बर इस वक्त उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य हैं। राज बब्बर के साथ पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस में राजा रामपाल, राजेश मिश्रा, भगवती प्रसाद चौधरी और इमरान मसूद को उपाध्यक्ष बनाकर सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। राजराम पाल ओबीसी, राजेश मिश्रा ब्राहमण, भगवती प्रसाद दलित और इमराम मसूद मुसलिम हैं। राज बब्बर खुद स्वर्णकार हैं और उनकी पत्नी नादिरा बब्बर मशहूर रंगकर्मी हैं।
कभी समाजवादी पार्टी से सांसद रहे राज बब्बर ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर फिरोजाबाद उपचुनाव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। 2014 में उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा था, पर जनरल वीके सिंह से हार गए थे। बाद में मार्च 2015 में पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड से राज्यसभा में भेजा। कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में राज बब्बर पार्टी की तरफ से प्रचार करते रहे हैं। फिल्म अभिनेता होने के नेता उनकी सभाओं में लोग जुटते हैं।
राज बब्बर की ताकत राज बब्बर की सबसे बड़ी ताकत उनकी छवि है। राजनीति में फिल्म अभिनेता होने का भी लाभ मिलता है। उन्हें देखने के लिए लोग जुटते हैं, वह एक अच्छे वक्ता है और मजबूती के साथ अपनी बात रखते हैं। मुसलमानों में भी उनकी छवि अच्छी है। किसानों से जुड़े मुद्दे खासकर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर चुके हैं। जनमोर्चा के बैनर तले उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के साथ मिलकर दादरी परियोजना को लेकर तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के खिलाफ मौर्चा खोला था।
Raj Babbar With Aamir Uddin ( General Secretary at bhopal loksabha youth congress Bhopal M.P. )
वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राज बब्बर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने जातीय समीकरणों का ध्यान रखते हुए राज बब्बर के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में चार उपाध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री को उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने के लिए प्रदेश छानबीन समिति की कमान सौंपी गई है।
उत्तर प्रदेश से तीन बार लोकसभा सांसद रहे राज बब्बर इस वक्त उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य हैं। राज बब्बर के साथ पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस में राजा रामपाल, राजेश मिश्रा, भगवती प्रसाद चौधरी और इमरान मसूद को उपाध्यक्ष बनाकर सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। राजराम पाल ओबीसी, राजेश मिश्रा ब्राहमण, भगवती प्रसाद दलित और इमराम मसूद मुसलिम हैं। राज बब्बर खुद स्वर्णकार हैं और उनकी पत्नी नादिरा बब्बर मशहूर रंगकर्मी हैं।
कभी समाजवादी पार्टी से सांसद रहे राज बब्बर ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर फिरोजाबाद उपचुनाव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। 2014 में उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा था, पर जनरल वीके सिंह से हार गए थे। बाद में मार्च 2015 में पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड से राज्यसभा में भेजा। कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में राज बब्बर पार्टी की तरफ से प्रचार करते रहे हैं। फिल्म अभिनेता होने के नेता उनकी सभाओं में लोग जुटते हैं।
राज बब्बर की ताकत राज बब्बर की सबसे बड़ी ताकत उनकी छवि है। राजनीति में फिल्म अभिनेता होने का भी लाभ मिलता है। उन्हें देखने के लिए लोग जुटते हैं, वह एक अच्छे वक्ता है और मजबूती के साथ अपनी बात रखते हैं। मुसलमानों में भी उनकी छवि अच्छी है। किसानों से जुड़े मुद्दे खासकर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर चुके हैं। जनमोर्चा के बैनर तले उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के साथ मिलकर दादरी परियोजना को लेकर तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के खिलाफ मौर्चा खोला था।
प्रचार समिति के अध्यक्ष का ऐलान जल्द प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और चार उपाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद पार्टी चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष का ऐलान भी जल्द कर देगी। पार्टी महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रचार शुरु होने के साथ कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर देगी। माना जा रहा है कि पार्टी किसी ब्राहमण नेता को प्रचार समिति की कमान सौंप सकता है। इसके अलावा दूसरी समितियों में पार्टी अलग-अलग समुदायों के नेताओं को प्रतिनिधित्व देगी।
बाहरी नेताओं पर दांव दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को संगठन में अहमियत दिए जाने से कांग्रेस नेताओं में काफी नाराजगी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदारों को नजरअंदाज कर राज बब्बर को अध्यक्ष बनाना भी नेताओं को अखरा है। राज बब्बर करीब सात साल पहले सपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे। पिछले लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें दूसरे राज्य उत्तराखंड से राज्यसभा भेजा गया।
पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी सौंपी हैं, मै इस जिम्मेदारी को निभाऊगां और पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर पूरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। – राज बब्बर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
प्रचार समिति के अध्यक्ष का ऐलान जल्द प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और चार उपाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद पार्टी चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष का ऐलान भी जल्द कर देगी। पार्टी महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रचार शुरु होने के साथ कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर देगी। माना जा रहा है कि पार्टी किसी ब्राहमण नेता को प्रचार समिति की कमान सौंप सकता है। इसके अलावा दूसरी समितियों में पार्टी अलग-अलग समुदायों के नेताओं को प्रतिनिधित्व देगी।
बाहरी नेताओं पर दांव दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को संगठन में अहमियत दिए जाने से कांग्रेस नेताओं में काफी नाराजगी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदारों को नजरअंदाज कर राज बब्बर को अध्यक्ष बनाना भी नेताओं को अखरा है। राज बब्बर करीब सात साल पहले सपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे। पिछले लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें दूसरे राज्य उत्तराखंड से राज्यसभा भेजा गया।
पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी सौंपी हैं, मै इस जिम्मेदारी को निभाऊगां और पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर पूरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। – राज बब्बर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
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