राष्ट्रपति, वैज्ञानिक देने वाले स्कूल बदहाल

भोपालशासकीय जहांगीरिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फूलमहल, शासकीय हमीदिया कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सहित राजधानी के कुछ चुनिंदा स्कूल ऐसे हैं, जिनका अतीत काफी समृद्ध रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, पाकिस्तान के जाने-माने परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर जैसी कई हस्तियों की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा इन्हीं स्कूलों में हुई। कभी इन स्कूलों में एडमिशन के लिए लोगों को खासी जद्दोजहद करनी पड़ती थी, लेकिन आज इनकी हालत खराब है। हालत यह है कि अब यही स्कूल बच्चों के दाखिले के लिए तरस रहे हैं। इन स्कूलोें में न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही स्टूडेंट्स। अनदेखी के चलते स्कूल भवन भी हो चुके हैं जर्जर सालों से मरम्मत नहीं होने से इन स्कूलोें की इमारतें भी जर्जर हो चली हैं। कुछ की हालत तो ऐसी है कि उनके खतरनाक हो चुके हिस्सों को बंद कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि देश और समाज को राष्ट्रपति, वैज्ञानिक, शिक्षक देने वाले ये स्कूल आज उपेक्षा के शिकार हैं। यहां से पढ़कर ऊंचे ओहदों पर पहुंचने वालों ने इन स्कूलों की सुध नहीं ली।

शासकीय जहांगीरिया उमावि, फूलमहल

स्थापना : 1890 में मिडिल स्कूल और 1950 में हाईस्कूल का दर्जा मिला।

पहले की स्थिति : नवाब जहांगीर मोहम्मद के महल में चलने वाला भोपाल का यह एकमात्र ब्वॉयज स्कूल था। भवन की हालत : 32 कमरों में से 21 जर्जर।

वर्तमान स्थिति : एडमिशन के लिए बच्चे ढंढने शिक्षकों को घर-घर जाना पड़ता है।

ये रहे स्टूडेंट : पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, चिकित्सक डॉ. सरफराज मोहम्मद, पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कादिर।

शा. हमीदिया उमावि, फूलमहल क्र.

1

स्थापना : 1939-40, 1955 में हाईस्कूल और 1962 में इंटर (11वीं) का दर्जा।

पहले की स्थिति : पूरे क्षेत्र की लड़कियां यहां अध्ययन करती थीं। यहां कभी सीटों की मारामारी होती थी और एडमिशन के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता था।

भवन की मौजूदा स्थिति : पीडब्ल्यूडी ने जर्जर और खतरनाक घोषित किया है।

वर्तमान स्थिति : स्कूल में एडमिशन के लिए लड़कियों को ढूंढना पड़ रहा है।

ये रही स्टूडेंट : राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित शिक्षिका डॉ. फिरोजा मुनव्वर के अलावा शासकीय हाईस्कूल बुदनी की प्राचार्य वीरबाला अग्रवाल।

शासकीय हमीदिया कन्या उमावि, फतेहगढ़

स्थापना : वर्ष1974-75

पहले की स्थिति : इस स्कूल में पहले इतने बच्चे थे कि 1950 में स्कूल के दो भाग करने पड़े। 2001-02 में फूलमहल-2 नए भवन में चौक बाजार पहुंच गया।

भवन की हालत : भवन जर्जर हो चुका है।

14 में से 6 कमरे पूरी तरह क्षतिग्रस्त। चार पुराने कमरों की मरम्मत कराई गई है।

ये रहे स्टूडेंट व शिक्षक : प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय विभाग वीके बाथम, पूर्व लोक शिक्षण आयुक्त नरेश पाल यहां स्टूडेंट रह चुके हैं।

Be the first to comment on "राष्ट्रपति, वैज्ञानिक देने वाले स्कूल बदहाल"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!