जम्मू। चीन और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जल्द ही लद्दाख जाएंगे और सेना का हौंसला बढ़ाएंगे। राष्ट्रपति सशस्त्र सेनाओं के सुप्रीम कमांडर की हैसियत से भी ये दौरा करेंगे।
इस दौरे पर राष्ट्रपति कोविंद चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों से मिलेंगे। राष्ट्रपति 21 अगस्त को लेह के एक दिवसीय दौरे पर पहुंच सकते हैं। हालांकि दौरे की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पिछले दिनों चीनी सैनिकों ने लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर पैंगोंग झील के पास दो स्थानों पर घुसपैठ की कोशिश की थी जिसे सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया था।
राष्ट्रपति दौरे से पहले सुरक्षा हालात का जायजा लेने के लिए थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत 20 अगस्त को लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे। वे क्षेत्र में फील्ड कमांडरों से बैठक कर मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों और उनका सामना करने की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
सैन्य सूत्रों के मुताबिक लद्दाख दौरे पर राष्ट्रपति लद्दाख स्काउट्स की 5 बटालियनों को कलर्स भी प्रदान करेंगे। राष्ट्रपति कलर्स सेना की ऐसी बटालियनों को दिए जाते हैं, जिन्होंने युद्ध के मैदान में वीरता की मिसाल कायम की हो। लंबी चयन प्रक्रिया के बाद ऐसी बटालियनें चुनी जाती हैं, जो देश के लिए कुर्बानियां देने में आगे रही हों।
लद्दाख स्काउट्स पहले सेना की स्थायी यूनिटें नहीं थी लेकिन कारगिल युद्ध जीतने में इन यूनिटों के सैनिकों ने असाधारण वीरता दिखाई थी। वर्ष 2001 में इन्हें भारतीय सेना का हिस्सा बना दिया गया।
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