विजयादशमी की शुभकामनाएं, जानिए पूजा और रावण दहन का मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि की दशमी को दशहरा यानी विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत, अन्याय पर न्याय की जीत और असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। दशहरा का मतलब है दस बुराईयों को हराने का संकल्प करने का दिन। आज ही के दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है। जानिए दशहरा और विजयादशमी मनाने के पीछे की कहानी और पूजा और रावण दहन का मुहूर्त:

भगवान राम की लंकापति रावण पर विजय
नवरात्रि के साथ ही दशहरा मनाने की सबसे चर्चित और प्रमुख कथा भगवान राम की निशाचरों के राजा रावण पर विजय प्राप्त करना है। रामायण की कथा के अनुसार, भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान राम ने मां सीता के अपहरण के बाद निशाचरों के विनाश का संकल्प लिया।

 

उन्होंने अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ एक विशाल वानर सेना को साथ लिया और महाबलशाली लंकापति रावण को मौत के घाट उतार दिया। रावण का वध करने कुछ दिन पहले भगवान राम ने आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा की और फिर उनसे आशीर्वाद मिलने के बाद दशमी को रावण का अंत कर दिया। रावण पर श्रीराम की इस विजय को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। कहा जा रहा है तब से हर साल भवराम की जीत और असुरों के विनाश की खुशी में दशहरा मनाया जाता है। दशहरे के दिन लोग आपस में राम जोहार करते हैं और गले मिलते हैं।

महिषासुर का वध
दशहरा के बारे में दूसरी कथा यह है दशमी को ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। कथा के अनुसार, अपार बलशाली राक्षण महिषासुर से देवलोक के देवता और पृथ्वीवासी मनुष्य त्रस्त हो चुके थे। कहा जाता है कि घोर तप करने बाद महिषासुर ने भगवान से अजेय होने का वरदान प्राप्त कर लिया और फिर लोगों को तबाह करने लगा। इसके बाद देवों की दयनीय मांग पर भगवान विष्णु, ब्रह्मा और शिव ने मिलकर एक देवी रूप में एक शक्ति को प्रकट किया जिसे मां दुर्गा के नाम से जाना गया। मां दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध कर उसे पराजित किया। इस युद्ध में महिषासुर का अंत हो गया जिसके बाद देवताओं ने इस खुशी के उपलक्ष्य में मां दुर्गा को वचन दिया इस दिन को आज से विजयादश्‍मी के रूप में मनाया जाएगा और लोग आपको हमेशा शक्ति के रूप में पूजते रहेंगे।

इस बार दशहरा मंगलवार, 11 अक्टूबर को मनाया जाएगाष नवरात्रि के 10 दिन होने के कारण इस बार दशमी 11 अक्टूबर, मंगलवार की शाम तक रहेगी। दशहरा शारदीय नवरात्रि के 9 दिन बाद दशमी को मनाया जाता है।

दशहरा मुहूर्त: मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016
दशमी तिथि शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगी, इससे पहले ही रावण दहन कर सकते हैं
विजय मुहूर्त : 11.59 से 12.23 तक-यह समय शुभ फल देने वाला है। इस समय में आप कुछ भी शुभ काम या पूजा कर सकते हैं। इसी समय से पहले मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाएगा।

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