विदर्भ ने रणजी खिताब जीतकर रचा इतिहास, दिल्‍ली को हराया

इंदौर। अंडरडॉग मानी जा रही विदर्भ की टीम के लिए साल 2018 का पहला दिन खुशी लेकर आया। पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंची विदर्भ की टीम ने मैच के चौथे ही दिन दिल्ली को नौ विकेट से हराकर पहली बार इस प्रतिष्ठित खिताब पर कब्जा जमा लिया। पहली पारी में हैट्रिक सहित छह विकेट और दूसरी पारी में दो विकेट लेने वाले रजनीश गुरबानी को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

दिल्ली के पहली पारी में 285 रनों के जवाब में सुबह विदर्भ ने पहली पारी में 528/7 से आगे खेलना शुरू किया और 547 रनों पर आउट हुई। इस तरह उसने पहली पारी में 262 रनों की विशाल बढ़त बनाई। दिल्ली बमुश्किल पारी की हार टालने में सफल रही और दूसरी पारी में 280 रन बनाकर विदर्भ को जीत के लिए 29 रनों का मामूली लक्ष्य दिया।

विदर्भ ने एक विकेट खोकर इस लक्ष्य को पांच ओवर में हासिल कर खिताब पर कब्जा जमाया। लक्ष्य का पीछा करने उतरे विदर्भ ने दूसरी पारी में कप्तान फैज फजल (2) का विकेट जल्दी गंवा दिया। इसके बाद संजय रामास्वामी (नाबाद 09) और अनुभवी वसीम जाफर (नाबाद 17) ने जीत की औपचारिकता पूरी की।

जाफर ने वसीम खेजरोलिया के तीसरे ओवर में तीन चौके लगाकर टीम को जीत दिला दी। जैसे ही वसीम ने विजयी चौका लगाया, पूरी टीम मैदान में दौड़ पड़ी। सभी ओर विदर्भ-विदर्भ की गूंज थी। इससे पहले सुबह विदर्भ की पहली पारी में शतकवीर अक्षय वाडकर (133) और सिद्धेश नेरल (74) ने पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन नवदीप सैनी और खेजरोलिया ने पारी को जल्द समेट दिया।

टीम कल के स्कोर में महज 19 रन ही जोड़ सकी। शुरुआत सैनी ने नेरल को विकेट के पीछे रिषभ पंत के हाथों कैच कराकर की। वाड़कर को खेजरोलिया ने नीतिश राणा के हाथों कैच कराया। उन्होंने 16 चौकों और एक छक्के से 133 रनों की पारी खेली। सैनी ने पांच जबकि खेजरोलिया और आकाश सूदन ने दो-दो विकेट लिए।

दिल्ली दूसरी पारी में भी जूझती नजर आई और ध्रुव शौरी (62) व नीतिश राणा (64) के अर्धशतकों के बावजूद एक समय उस पर पारी की हार का खतरा मंडरा रहा था। उसकी दूसरी पारी अक्षय वाखरे (95/4) और आदित्य सरवटे (30/3) की उम्दा गेंदबाजी के आगे बिखर गई। वाखरे ने कुणाल चंदेला (9) को गुरबानी के हाथों कैच कराकर इसकी शुरआत की।

सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (36) को गुरबानी ने विवादास्पद तरीके से पगबाधा शिकार बनाया। हालांकि रिप्ले में साफ दिखाई दिया कि गेंद टप्पा खाने के बाद लेग स्टंप से बाहर जा रही थी। इसके बाद शौरी और राणा ने तीसरे विकेट के लिए 114 रन जोड़े, लेकिन दोनों ही लगातार अंतराल में चलते बने।

पंत (32) को नेरल ने चलता किया। देखते ही देखते दिल्ली का स्कोर 234/8 हो गया, यहां उसे पारी की हार टालने के लिए अभी भी 28 रनों की जरूरत थी और केवल दो विकेट शेष थे। ऐसे में विकास मिश्रा (34) और आकाश सूदन (18) ने आठवें विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी कर टीम को शर्मनाक हार से बचा लिया। दोनों को सरवटे ने चलता किया। गुरबानी ने दो विकेट लिए।

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