संसद परिसर के सुरक्षा क्षेत्रों का वीडियो बनाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भगवंत मान केस की जांच के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है।
जांच समिति 3 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके साथ ही आप सांसद मान के 3 अगस्त तक संसद आने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि मान 26 जुलाई तक स्पष्टीकरण दे सकेंगे।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार सुबह प्रश्नकाल शुरू होने से ऐन पहले मामले की जांच के लिए समिति गठित किये जाने के बारे में सदन को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि समिति तीन अगस्त तक अपना रिपोर्ट पेश करेगी, तब तक श्री मान को सलाह दी जाती है कि वह समिति की रिपोर्ट आने तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा न लें।
जांच समिति में कौन-कौन भाजपा सांसद किरीट सोमैया समिति की अध्यक्षता करेंगे, जबकि अन्य आठ सदस्य होंगे- शिवसेना के आनंदराव अडशुल, भाजपा की मीनाक्षी लेखी एवं सतपाल सिंह, बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब, तृणमूल कांग्रेस की रत्ना डे नाग, तेलुगुदेशम पार्टी के थोटा नरसिम्हन, कांग्रेस के के. सी. वेणुगोपाल एवं अन्नाद्रमुक के पी. वेणुगोपाल।
आप सांसद ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष से बिना शर्त माफी मांगी थी। मान ने बताया था, ‘मैंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बिना शर्त माफी मांगी है।’
सांसद ने कहा था कि उन्होंने ‘अंजाने में’ वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया।
पंजाब के संगरूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद मान ने कहा था, ‘लोकतंत्र के इस मंदिर के प्रति मेरे दिल में अपार श्रद्धा है और मैं इसकी सुरक्षा और सम्मान को ठेस पहुंचाना कतई नहीं चाहता।’
उन्होंने कहा था कि वह लोगों को यह दिखाना चाहते थे कि सदन में सवाल उठाने से पहले उनका लॉटरी सिस्टम से किस प्रकार चयन किया जाता है।
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