शादियों में चोरी के लिए यहां हो रही बच्चों की हायरिंग, 6 महीने के लिए 12 लाख का पैकेज

क्या आपने कभी सुना है कि चोरों के लिए कोई हायरिंग हुई हो? उनके लिए बाकायदा कोई सिलेक्शन प्रोसेस रखा गया हो? नहीं ना… लेकिन ये सच है। दिल्ली में एक ऐसा ही गैंग सक्रिय है, जिसका नाम है बैंड बाजा बारात गैंग। ये गैंग शादियों में चोरियां करने के लिए खासतौर पर बच्चों की हायरिंग करता था। इन बच्चों की बोली लगाई जाती थी और उन्हें 6 महीने के लिए 12 लाख रुपये तक का पैकेज दिया जाता था। बैंड बाजा बाराती गैंग के मुखिया राका को पु्लिस ने बीते रविवार को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान राका ने पुलिस को बताया कि कैसे वह चोरियां करने के लिए बच्चों को सिलेक्ट करता था। साथ ही उन्हें कैसे ट्रेनिंग देता था। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में ऐसे 70 बच्चों को लाया गया है। जहां के बड़े-बड़े फार्म हाउसों और बैंक्वेट हॉल में होने वाली शादियां इनके निशाने पर हैं।

मुख्य आरोपी ने दी सिंडिकेट की जानकारी
पुलिस ने जब राका से पूछताछ की तो उसने अपने सिंडिकेट के बारे में बताया। पुलिस को पता चला है कि मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ऐसे तीन गांव हैं, जहां 7 से 15 साल तक के बच्चों को बड़ी शादियों में दुल्हन पक्ष का बैग चुराने की ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसे बैगों में आमतौर पर शगुन, गहने और अन्य कीमती सामान रखे जाते हैं।

ऐसे होता है सिलेक्शन
गैंग के लिए खासतौर पर उन बच्चों को चुना जाता है, जो गरीब तो हैं, लेकिन चेहरे से देखने पर लगते नहीं। यानी गैंग के लिए उन्हीं बच्चों को फाइनल किया जाता है, जो देखने में अच्छे-खासे और खाते-पीते घर के लगते हो। एक बार में देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता कि ये बच्चे चोर हैं।

6 महीने का होता है कॉन्ट्रैक्ट

राका ने पुलिस पूछताछ में बताया कि दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय विभिन्न गैंग लीडर करीब 70 बच्चों को मध्य प्रदेश के तीन गांवों से यहां लेकर आए हैं। इन बच्चों के लिए परिजनों को मोटी रकम भी दी जाती है। एक बच्चा 2 से 12 लाख रुपये में लाया जाता है। गैंग के साथ उनका बाकायदा 6 महीने का कॉन्ट्रैक्ट होता है।

पलक झपकते हैं उड़ा लेते हैं बैग
गैंग के बच्चों को इस तरह से ट्रेंड किया जाता है कि ये पलक झपकते ही कीमती सामानों से भरा बैग उड़ा ले। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ये बच्चे इतने शातिर होते हैं कि नजर हटते ही सामान गायब कर देते हैं। राका ने पुलिस को बताया था कि एक जवान व्यक्ति और एक बुजुर्ग व्यक्ति भी बच्चे के साथ होते हैं, ताकि देखने में लगे कि वे किसी के रिश्तेदार हैं।

मुंबई और राजस्थान में भी बढ़ी मांग
दिल्ली पुलिस को यह पता लगा है कि इस तरह के बच्चों की मांग सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं, बल्कि मुंबई और राजस्थान के जयपुर और उदयपुर में भी हो रही है।

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