शिवराज सिंह की लाज बचाने वाला संशोधित कानून तैयार

भोपाल। बयान और ऐलान के लिए पहचाने जाने वाले मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का सम्मान बचाने के लिए अब कानून में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। दंड विधि (मप्र अमेंडमेंट बिल) 2017 में एक संशोधन प्रस्तावित किया गया है। सीएम शिवराज सिंह खुद इस पर काम कर रहे थे। बता दें कि पिछले 3 सालों में शिवराज सिंह कई बार ऐलान कर चुके है कि मप्र में बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जाएगी। जब विषय कैबिनेट की मीटिंग में आया तो मंत्रियों ने बताया कि ऐसा नहीं हो सकता। यह पीड़िताओं के लिए जानलेवा हो जाएगा। मजबूरन सीएम को अपने कदम वापस लेने पड़े लेकिन जनता के सामने भरे मंचों पर ऐलान किया है इसलिए सम्मान तो बचाना ही होगा। इसलिए एक नया संशोधन तैयार किया गया है।

शिवराज सिंह का आशय समझे तो ​सब सहमत हो गए

शिवराज सिंह ने तय किया कि 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार करने वाले को फांसी की सजा दी जाएगी। उन्होंने संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी। शनिवार को चर्चा के लिए पुलिस अफसरों को बुलाया गया। पुलिस अफसरों ने फांसी की सजा को कुछ कड़ा बताया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि हत्या के आरोपियों को भी फांसी की सजा का प्रावधान है, लेकिन कितनों को फांसी हो गई। सीएम के इन शब्दों का आशय क्या था सब समझ गए और सभी ने संशोधन पर सहमति व्यक्त कर दी।

शीतकालीन सत्र में पेश होगा विधेयक

पिछले मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव टल गया था। तब चर्चा के दौरान मंत्रियों ने यह सवाल खड़े कर दिए थे कि यदि फांसी की सजा का प्रोविजन रखेंगे तो दुष्कर्म करने वाला शख्स फंसने के डर से बच्चियों या विक्टिम को जान से मार सकते हैं। तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस प्रस्ताव पर एक बार और चर्चा की जाए। फिर कैबिनेट में लाएं। यह काम तेजी से हो, क्योंकि शीतकालीन सत्र में ही यह विधेयक पेश किया जाएगा।

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