श्योपुर। सोशल मीडिया पर शनिवार को नगर पालिका के बाहर सरकारी स्कूल के कुछ बच्चों का पढ़ते हुए फोटो वायरल हो गया। इस फोटो में स्कूल के बच्चे मूत्रालय की छत पर बैठकर पढ़ रहे थे और नीचे दो युवक टॉयलेट कर रहे थे। वायरल हुआ फोटो भोपाल और दिल्ली तक पहुंच गया। इस फोटो ने शिक्षा विभाग से लेकर पूरे प्रशासन में बवाल मचा दिया। जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार ने तत्काल ही एक टीम जांच के लिए गठित कर दिया। उधर स्कूल के हेडमास्टर बच्चों के टॉयलेट की छत पर बैठने की खबर से खुद को पूरी तरह अनभिज्ञ बता रहे हैं।
जो फोटो वायरल हुआ है उसमें, किला रोड पर मोती टिकिया वालों के पास बने टॉयलेट की छत पर कुछ बच्चे बैठकर पढ़ रहे थे। इन बच्चों को टॉयलेट से सटे कन्या प्राइमरी स्कूल किला रोड या फिर मिडिल स्कूल का माना जा रहा है। फोटो वायरल के बाद डीईओ अजय कटियार ने सीएससी मुकेश कुशवाह के नेतृत्व में सीएससी भावना शर्मा एवं रामस्वस्र्प माहौर को मामले की जांच के लिए भेजा। शाम 06 बजे के करीब स्कूल में पहुंचे दल को प्राथमिक स्कूल कन्या के हेडमास्टर अशोक शिवहरे ने बताया कि स्कूल में सिर्फ दो कमरे है, जिनमें 180 विद्यार्थियों को रोजाना बैठाकर पढ़ाया जा रहा है।
जगह की कमी और धूप से बचने के लिए स्कूल के पीछे गैलरी में दो क्लास लगाई जा रही है। इस क्लास में बैठने वाले कुछ बच्चे मध्यान्ह भोजन नहीं करते है। ऐसे बच्चे समय पास करने के लिए नपा के बाथस्र्म की छत जिसकी ऊंचाई गैलरी से सिर्फ दो फीट है। हेडमास्टर ने पहले तो इस पूरे घटनाक्रम से खुद को अनभिज्ञ बताया।
टॉयलेट की छत दिखी चबूतरे सी
इस घटनाक्रम के बाद नईदुनिया की टीम भी स्कूल में हकीकत परखने पहुंची। जिस टॉयलेट की छत पर बच्चों के बैठकर पढ़ने का फोटो वायरल हुआ है, वह नीचे सड़क किला रोड से भले ही गंदे टॉयलेट की छत लग रही हो, लेकिन स्कूल के अंदर से यह छत एक पक्के चबूतरे जैसी है। टॉयलेट की यह छत स्कूल के कमरे से सिर्फ दो फीट ऊंची है और साफ रहती है। ऐसे में जांच टीम ने भी माना कि, बच्चे पढ़ने के लिए इस छत पर बैठ गए होंगे।
जांच कराएंगे
टीम को जांच के लिए भेजा है। जांच रिपोर्ट मुझे मिली नहीं है। सोशल साइट पर फोटो मैने भी देखा है। जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।
-अजय कटियार, जिला शिक्षा अधिकारी, श्योपुर
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