संगीतमय राम कथा के चौथे दिन भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया धूमधाम से

Rohit kushwaha

महंत कथावाचक उद्धव दास जी के मुखारविंद से इस काली काल में सच्चे भाव से
भगवान मिल सकते हैं इस संसार में भगवान भाव से प्राप्त होते हैं क्योंकि
भगवान भक्त के भाव के वशीभूत होते हैं यह बात लव कुश भवन मोती बाबा रोड
पर चल रही संगीतमय श्रीराम कथा के चतुर्थ दिवस के अवसर पर संत रविदास जी
ने कही उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि वृंदावन धाम में
सभी लोग राधे राधे नाम की रचना रटते रटते रटते थे यहां तक एक पेड़ और
पौधे भी परंतु उसी वृंदावन धाम में संत गोस्वामी तुलसीदास की प्रार्थना
पर भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप छोड़कर धनुष बाण धारण कर मर्यादा
पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम धारण कर लेते हैं दूसरे प्रसंग में महाराज जी
श्री ने कहा कि सेवा का धर्म बड़ा कठिन है

 

किंतु सेवा करके मनुष्य अपने
लोगों की जन्म में उन्नति करके अलौकिक सिद्धि प्राप्त कर सकता है परंतु
यह सिद्ध गुरु सेवा से सहजी प्राप्त हो सकती है क्योंकि गुरु कृपा महिमा
बड़ी होती है इस विषय में उन्होंने अपने श्री गुरु महाराज जी का भजन यह
प्रेम सदा भरपूर रहे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में भजन सुनाकर सारे
श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया इसके पश्चात श्रीराम जन्मोत्सव मनाया
गया श्रीराम कथामैमें श्रीराम जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया इस मौके पर
 बड़ी संख्या में  महिला और पुरुष  शामिल हुए महिलाओं ने राम जन्मोत्सव
पर भगवान के जन्म पर बधाईयां दी और मिठाइयां बांटी कथा में

 

पूर्व जिला
पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा सुशील ताम्रकार सांसद प्रतिनिधि पार्षद
कमलेश राठोर  प्रदीप बाजोरिया अनिल शर्मा मोहन चौरसिया टीना त्यागी बड़ी
संख्या में महिला और पुरुष कथा में सम्मिलित हुए

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