संविदा शाला शिक्षाकर्मी में धोखाधड़ी से बन गए शिक्षक!

जबलपुर. यदि किसी व्यक्ति की छुटभैया नेताओं से थोड़ी व्यव्हार हो तो वह भले ही उसका आपराधिक रिकॉर्ड हो कोई उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता. प्रथम द्रष्टया इस बात पर यकीन कर पाना मुश्किल लगे लेकिन जब इसी तरह के मामले सामने आयें तो आपको न चाहते हुए भी इस बात पर यकीन हो जायेगा. मध्यप्रदेश शासन से धोखाधड़ी कर एक आपराधिक रिकॉर्ड का व्यक्ति न सिर्फ संविदा शाला शिक्षाकर्मी रहते हुए धोखाधड़ी कर कथित तौर पर शिक्षक बन गया बल्कि अब भी अपने रिकॉर्ड पर पर्दा डाल कर धड़ल्ले से नौकरी कर रहा है. शिक्षक का रसूख क्या है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है की शिक्षक के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा मिलने के बाद भी अधिकारी कोई ठोस कार्यवाई करने सामर्थ्य नहीं जुटा पा रहे हैं. ये है मामला आरोपी के खिलाफ दी गई हस्ताक्षरित शिकायत से मिली जानकारी के अनुसार सिवनी जिले की जनपद पंचायत धनौरा में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 में शिक्षक पद हेतु अविनाश शर्मा पिता विपिन शर्मा निवासी मुकाम कबीर वार्ड डूंडा सिवनी, जिला सिवनी के द्वारा मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के निकाय धनौरा जिला सिवनी शिक्षक पद नियुक्ति प्राप्त की. आरोपी अविनाश पर आरोप हैं की उसने स्वयं के गंभीर आपराधिक मामले के संबंध में जानकारी न देकर कथित तौर पर धोखाधड़ी कर न सिर्फ शिक्षा कर्मी वर्ग 3 से शिक्षक पद पर छलांग लगाई बल्कि आरोपी वर्तमान में भी लगातार शिक्षक के रूप में शा.प्रा. शाला चीजबंध में कार्य कर रहा है. क्या कहता है नियमज्ञात होवे कि मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार किसी भी शासकीय सेवा हेतु आवेदक का चरित्र अच्छा होने व किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक मामला गतिशील, लंबित, विचाराधीन या निर्णयीत होने के संबंध में जानकारी देना आवश्यक है. किन्तु आरोपित तौर पर आरोपी अविनाश शर्मा के द्वारा मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग की जनपद पंचायत धनौरा जिला सिवनी को स्वयं के अच्छे चरित्र होने व स्वयं के विरूद्ध थाना इकलहरा जिला छिंदवाड़ा में धारा 498 भा.द.वि. तथा धारा 34, 3/4 दहेज प्रतारणा अधिनियम का मामला दिनांक 14/09/2002 में प्रकरण क्रमांक 286/2002 को दर्ज होने और मामले में स्वयं को दोषमुक्त किये जाने के संबंध में कथित तौर पर कोई जानकारी नहीं दी. शिकायत में आरोपी के इस कृत्य को शासन से छल-कपट पूर्वक धोखाधड़ी कर शिक्षक का पद हथियाकर निरंतर शिक्षक के पद पर कार्यरत् होने का आरोप लगाया गया है. अपराध की श्रेणी में आता है कृत्य शिकायत में कहा गया है कि अविनाश शर्मा द्वारा मध्यप्रदेश शासन से कथित तौर पर धोखाधड़ी कर शिक्षक का पद प्राप्त किया है, जो कि भा.द.वि. के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है. संविदा शाला शिक्षक भर्ती नियम के अनुसार शासन को स्वयं के चरित्र व आपराधिक मामले के संबंध में जानकारी न देने से शिक्षक पद का पात्र नही है. जो कि अपात्र होने के बावजूद भी निरंतर शिक्षक के पद पर रहते हुये कार्य कर शासन से आवैधानिक रूप से लाभ प्राप्त कर रहा है. ऐसे शिक्षक कैसे सवारेंगे देश का भविष्य शिक्षक का कार्य अपने विद्यार्थियों के जरिये राष्ट्र निर्माण का होता है लेकिन जो शिक्षक शासन को अँधेरे में रख कर नौकरी कर रहा है वह किस तरह छात्रों का भविष्य संवारेगा यह विचारणीय प्रश्न है. शिकायत में कहा गया है की स्वयं के चरित्र अनुसार शिक्षा देकर छात्रों का भविष्य भी अंधकारमाय कर सकते हैं कई बार दी गई शिकायत बताते हैं की शिक्षक के विरूद्ध शीघ्र अति शीघ्र जांच कर शिक्षक पद से पृथक करने और आपराधिक मामला दर्ज करने की कई बार आम जनता के द्वारा मांग की गई. यही नहीं स्थानीय मीडिया ने भी सिवनी जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं शिक्षा विभाग आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु ध्यान आकर्षित किया गया लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. साले ने की थी शिकायत इस संबंध में आरोपी के कभी साले रहे अखिलेश शर्मा निवासी रायपुर के द्वारा 23 सितम्बर को कलेक्टर सिवनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत धनौरा, जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी, प्रधान पाठक शा.प्रा.शाला चीजबंध को उक्त संबंध में रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से शिकायत पत्र प्रेषित किया गया. जिस पर अविनाश शर्मा के विरूद्ध संबंधित विभाग या मध्यप्रदेश शासन की एजेंसी के द्वारा अब तक किसी भी प्रकार की जांच या कार्यवाही नहीं की गई है.

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