नई दिल्ली। पिछले दिनों शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ और एयर इंडिया के कर्मचारी को लेकर विवाद गर्माने के बाद अब सरकार ने विमान में उपद्रवी यात्रियों के लिए नए नियम बनाए हैं। इन नियमों के अनुसार अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर दो साल तक का प्रतिबंध लग सकता है।
इसकी जानकारी देते हुए एविशन सेक्रेटरी आरएन चौबे ने मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि नो फ्लाय लिस्ट में तीन कैटेगरीज बनाई गई हैं। इन तीनों के अलग-अलग मापदंड रहेंगे जिसमें दोषी पाए गए यात्री को उस कैटेगरी के अनुसार प्रतिबंध झेलना पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि पहले लेवल में बाधित करने वाला व्यवहार रखा गया है मसलन कोई विशेष फीजिकल गेस्चर। इसमें दोषी पाए गए यात्री को तीन महीने का प्रतिबंध झेलना पड़ सकता है वहीं लेवल 2 में मारपीट करना, धक्का देना और यौन शोषण शामिल रहेंगे। इसके दोषी को 6 महीने का प्रतिबंध झेलना पड़ेगा। तीसरी और आखिरी कैटेगरी में जानलेवा धमकी या हमले को रखा गया है जिसके लिए यात्री को 2 साल तक के प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा।
चौबे ने आगे कहा कि यह नियम घरेलू उड़ानों पर लागू होंगे लेकिन अतंरराष्ट्रीय कैरियर्स इसके इनपुट चाहते हैं तो वो ले सकते हैं। साथ ही घटना के बाद एयरलाइन कंपनी यात्री को तुरंत बैन कर सकती है यात्री का नाम राष्ट्रीय नो फ्लाय लिस्ट में तुरंत नहीं आएगा।
– विमानन नियामक डीजीसीए के साथ दिशा-निर्देशों को और विकसित करने के लिए एयरलाइंस परामर्श करेंगी।
– किसी भी व्यक्ति का नाम नो फ्लाइंग लिस्ट में जोड़ने के लिए नियामक की मंजूरी अनिवार्य होगी।
– इस सूची में एक बार नाम शामिल होने के बाद एक यात्री फ्लाइट की टिकट बुक कराने या टिकट नहीं खरीद सकता।
– नए नियम में किसी यात्री पर लगाया गया प्रतिबंध एक निश्चित अवधि के लिए होगा।
– यात्री के पास इस बैन के खिलाफ अपील करने का अधिकार भी होगा।
– नो-फ्लाई की लिस्ट में शामिल लोगों ने नाम सार्वजनिक होंगे।
– टिकटों को खरीदने के दौरान यात्री स्वेच्छा से अपने आधार नंबर का खुलासा कर सकेंगे, जिससे उनके आधार नंबर के आधार पर नो-फ्लाई सूची में शामिल लोगों के नाम का पता किया जा सकेगा।
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