सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा- हिंसक गौरक्षकों पर हो कड़ी कार्रवाई, न उठाया जाए राजनैतिक लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि गाय की रक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री ने साथ ही राज्य सरकारों को कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ ‘बेहद सख्त’ कार्रवाई करने को कहा। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को एक सर्वदलीय बैठक में मोदी ने सांसदों से कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य के अधीन विषय है और इसलिए राज्य सरकारों को गाय के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संसद भवन में हुई बैठक में मोदी के वक्तव्य के हवाले से संवाददाताओं से कहा, “केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश भेजे हैं। कानून व व्यवस्था राज्य के अधीन विषय है। इसलिए गाय के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।” मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल गोरक्षा को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं और इसका राजनीतिक लाभ उठा रहे हैं, जो देश के हित में नहीं है। प्रधानमंत्री ने सभी दलों से कहा, “गोरक्षा को सांप्रदायिक रंग देकर राजनीतिक लाभ उठाने की जो दौड़ शुरू हो गई है, वह देश के हित में नहीं है। हर किसी को साथ आकर इसे खत्म करना चाहिए।” अनंत कुमार के मुताबिक, मोदी ने कहा, “देश में गाय की रक्षा के लिए कानून है। लेकिन गोरक्षा के नाम पर अपराध को अंजाम देना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” विपक्ष ने इस मुद्दे को संसद में उठाने का फैसला किया है।

नरेंद्र मोदी ने 17 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में गरिमापूर्ण प्रचार के लिए सभी दलों को धन्यवाद दिया। संसद के मानसूत्र सत्र की शुरुआत से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में शामिल एक केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी दी। संसद भवन परिसर में हुई इस बैठक के बारे में उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बेहतर रहा होता अगर राष्ट्रपति के चुनाव पर आम सहमति बन जाती। लेकिन, राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार बेहद गरिमापूर्ण रहा। कड़वे शब्दों या ऐसी भावनाओं के इस्तेमाल का एक भी मामला नहीं हुआ। मैं इसके लिए सभी को धन्यवाद देता हूं।”

बैठक में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी.राजा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार व तारिक अनवर, जनता दल सेकुलर के एच.डी. देवेगौड़ा, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश यादव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राजमोहन रेड्डी और तेलंगाना राष्ट्र समिति के ए.पी. जितेंद्र रेड्डी ने शिरकत की।

मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है और विपक्षी पार्टियां इसमें कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं। इसे देखते हुए सत्र के काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। अठारह विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करने के लिए हाथ मिलाया है। विपक्षी पार्टियां डोकलाम में चीन के साथ सैन्य विवाद, अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों पर हाल ही में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर कश्मीर की स्थिति, बीफ को लेकर हुई हिंसक घटनाओं और किसानों की आत्महत्या समेत कई मुद्दे उठाने के लिए तैयार है। विपक्षी दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे के साथ ही वे सदन में सरकार को घेरने के लिए एकजुट हैं।

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