सर्वसुख प्रदान करती है छठ पूजा…

गुरुवार, 26 अक्टूबर 2017 छठ पूजा: अस्तागामी सूर्य का अर्ध्य आज शक सम्वत 1939 हेम्लम्बी विक्रम सम्वत 2074 काली सम्वत 5119 दिन काल 11:12:53 मास कार्तिक तिथि षष्ठी – 12:17:04 तक नक्षत्र पूर्वाषाढा – 23:52:30 तक करण तैतिल – 12:17:04 तक, गर – 25:33:43 तक पक्ष शुक्ल योग सुकर्मा – 18:42:43 तक सूर्योदय 06:28:34 सूर्यास्त 17:41:28 चन्द्र राशि धनु चन्द्रोदय 11:50:00 चन्द्रास्त 22:41:00 ऋतु हेमंत दिशा शूल: पश्चिम में राहु काल वास: उत्तर में नक्षत्र शूल: दक्षिण में16.29 से चन्द्र वास: पश्चिम में छठ पूजा… और अब… सायंकाल अर्ध्य… पूरे दिन उपवास रखकर शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के लिए पूजा का सामान घाट पर ले जाते हैं. शाम को सूर्य को अर्ध्य देने के बाद घर आकर सारा सामान वैसा ही रखते हैं. इस अवसर पर रात को छठी माता के गीत गाते हैं और व्रत कथा सुनते है. सुबह का अर्ध्य.. अगले दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले ही घाट पर पहुंचते हैं. उगते हुए सूर्य की पहली किरण को अर्ध्य देते हैं. इसके बाद घाट पर छठ माता को प्रणाम-प्रार्थना कर उनसे संतान-रक्षा का वर मांगते हैं. अर्ध्य देने के बाद घर लौटकर सभी को प्रसाद प्रदान करते हैं तथा स्वयं भी प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलते हैं. ऐसा माना जाता है कि… जो भी श्रद्धालु इस महाव्रत को पवित्र मन-वचन-कर्म से करते हैं उन्हें उत्तम संतान सुख प्राप्त होता है और जीवन में सर्वसुख प्राप्त होते हैं. – आज का राशिफल – निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक: मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ कर्क राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें. – गुरुवार का चौघडिय़ा – दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा पहला- शुभ पहला- अमृत दूसरा- रोग दूसरा- चर तीसरा- उद्वेग तीसरा- रोग चौथा- चर चौथा- काल पांचवां- लाभ पांचवां- लाभ छठा- अमृत छठा- उद्वेग सातवां- काल सातवां- शुभ आठवां- शुभ आठवां- अमृत चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें. रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें. अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है. यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं. अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! प्रदीप श्रीदवे (9772354346) कमलाश्री आश्रम, वागड़ panditshreepradeep’gmail.com

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