सुषमा स्‍वराज की खरी-खरी, आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच घमासान जारी है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की तरफ से राज्यसभा में केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जोरदार हमला बोला है।

राज्यसभा में सुषमा स्वराज ने कहा कि विदेश नीति की चिंता की जन्मदाता हम नहीं बल्कि कांग्रेस है। विपक्ष बताए कि किस देश से हमारे संबंध खराब है।

सुषमा ने कहा कि पीएम मोदी ने विदेश नीति से सम्मान दिलाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने सिर्फ निजी तौर पर नाम कमाया है।

‘कांग्रेस की विदेश नीतियां नाकाम’

सुषमा स्वराज ने कहा कि चीन की घेरेबंदी की शुरुआत कांग्रेस के सरकार के समय ही शुरू हो गई थी। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि चीन की चिंता उन्होंने अपनी सरकार के दौरान क्यों नहीं की।

सुषमा ने कहा है कि कांग्रेस की विदेश नीतियां नाकाम रही हैं। सुषमा ने कहा कि कांग्रेस ने हंबनटोटा और ग्वादर में सवाल क्यों नहीं उठाया। हंबनटोटा में साल 2008 और ग्वादर में साल 2013 में काम शुरू हुआ था।

उस समय यूपीए की सरकार थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय शुरू हुए काम का दोष हमारे ऊपर क्यों डाला जा रहा है।

‘इजरायल दोस्त लेकिन, फिलिस्तीन को नहीं भूलेंगे’

सुषमा स्वराज ने सदन में बताया कि आज इजरायल हमारा अच्छा दोस्त है लेकिन हम फिलिस्तीन को भी नहीं भूलेंगे। ये हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि मैं खुद पहले फिलिस्तीन गई फिर उसके बाद इजरायल गई थी।

सुषमा ने कहा कि हमारी विदेश नीति की ही सफलता है कि आज रूस और अमेरिका भी हमारे साथ है।

विदेश नीति पर कांग्रेस ने किया हमला

इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में विदेश नीति पर चर्चा के वक्त पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बताया कि पाकिस्तान के साथ क्या बात हुई। पीएम को पाक में गार्ड ऑफ ऑनर तक नहीं मिला और तोहफा आया पठानकोट हमला।

पीएम मोदी 65 देशों की यात्रा कर चुके हैं लेकिन उन्होंने सदन को नहीं बताया कि देश को इससे क्या मिला। पीएम मोदी का शौक है अकेले जाना, मजबूरी में मंत्री को ले जाते हैं।

प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए पीएम मोदी केवल जहाज से इसलिए अकेले उतरते हैं क्योंकि फ्रेम में कोई और न आए।

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