सूखे से निपटने को अखिलेश ने मांगा 10600 करोड़

नई दिल्ली। बुंदेलखंड में पानी की किल्लत पर हो रही सियासत के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले। इस दौरान प्रधानमंत्री ने राज्य में सूखे के हालात और उससे निपटने की तैयारियों का जायजा लिया।
बैठक के दौरान अखिलेश ने सूखे से निपटने के लिए 10600 करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की। इसी तरह प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से मिलकर वहां सूखे के हालात का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने सूखे से हो रही परेशानी से निपटने के लिए केंद्र, राज्यों, स्थानीय निकायों, एनजीओ को मिलकर काम करने की जरूरत बताई।
शनिवार को बैठक के बाद अखिलेश यादव ने सूखे से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल की सराहना की। उप्र के सीएम ने कहा कि इससे बुंदेलखंड के किसानों को उनका जायज हक मिलेगा। बुंदेलखंड की समस्या के समाधान के लिए वे प्रधानमंत्री ने साथ मिलकर काम करेंगे। उनके अनुसार बुंदेलखंड पानी की स्थायी किल्लत से जूझ रहा है और इसके लिए केंद्र सरकार की ओर विशेष प्रयास की जरूरत है।
उन्होंने सूखे से निपटने के लिए राज्य को 10600 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की मांग की। बैठक में मुख्यमंत्री ने 78000 जलस्त्रोतों के पुनर्जीवित और एक लाख नए तालाब बनाने की योजना पेश की। इन्हें मनरेगा और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत पूरा किया जाएगा।
मोदी ने दिया रबी फसल पर तत्काल सहायता का निर्देश :
सीएम अखिलेश यादव ने एक बार फिर साफ कर दिया कि हमारे पास पर्याप्त पानी है। सिर्फ उसे लोगों तक पहुंचाने के लिए टैंकर की जरूरत है। इससे पहले अखिलेश सरकार ने केंद्र की ओर से ट्रेन से भेजे गए पानी को लेने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य को सिर्फ टैंकरों की जरूरत है, ताकि गांव-गांव तक पानी पहुंचाया जा सके। अखिलेश यादव ने बुंदेलखंड में भूख से लोगों के मरने की खबर को गलत बताया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भोजन और पानी का पर्याप्त प्रबंध कर रहा है। बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी मौजूद थे। दो दिन पहले ही उप्र की ओर से रबी फसल के लिए केंद्रीय सहायता की मांग रखी गई थी। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय अधिकारियों को तत्काल इस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने भी अखिलेश यादव के साथ बैठक को उपयोगी बताया है।
फड़नवीस ने 9000 करोड़ मांगे
अखिलेश यादव के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र से मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से भी मुलाकात की। महाराष्ट्र का लातूर इलाका भयंकर सूखे की चपेट में है और वहां ट्रेन से पानी पहुंचाया जा रहा है। फड़णवीस ने कहा कि सूखाग्रस्त जिलों में पानी की व्यवस्था करने के लिए तत्काल 2000 करोड़ रुपए की जरूरत है। जबकि स्थायी समाधान के लिए लंबित सिंचाई योजनाओं को पूरा करना जरूरी है।
इसके लिए केंद्र सरकार के 7000 करोड़ रुपए की मदद चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर विश्व बैंक से 4000 करोड़ की व्यवस्था कर रही है। इसी तरह प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस. सिद्धरमैया से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने तीनों मुख्यमंत्रियों के साथ अलग-अलग मुलाकात की।

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