स्वाईन फ्लू संभावित मरीजों का अब होगा फालोअप

भोपाल : प्रदेश में स्वाईन फ्लू (एच-1 एन-1) की रोकथाम के लिये प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि पड़ोसी राज्यों से राज्य में आने वाले स्वाईन फ्लू पॉजिटिव एवं संदिग्ध मरीजों पर सतत् निगरानी रखी जाए। जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में रेपिड टास्क फोर्स बैठक कर समस्त शासकीय एवं निजी चिकित्सालय के चिकित्सक एवं पैरामैडिकल स्टाफ से स्वाईन फ्लू नियंत्रण के बारे में विस्तृत चर्चा की जाये। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की वीडियो कान्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ एवं परिवार कल्याण ने जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्टाफ को फ्लू, डेंगू एवं चिकनगुनिया की प्रभावी रोकथाम के लिये प्रतिदिन समीक्षा करने और जिलों में सरपंचों की बैठकों में स्वाईन फ्लू के लक्षण, बचाव एवं उपचार के बारे में चर्चा सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि स्वाइन फ्लू ओपीडी में पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक करवायें। सर्दी बुखार के मरीज को स्वाईन फ्लू के लक्षण पाये जाने एवं पल्स ऑक्सीमीटर की जांच में ऑक्सीजन सेचुरेशन का स्तर 95 प्रतिशत से कम पाए जाने वाले मरीज तथा मरीज के परिजन के मोबाइल नम्बर नोट किये जायें जिससे आगामी तीन दिन तक प्रतिदिन मरीज/ परिजन के मोबाइल नम्बर पर फालोअप किया जा सके। फालोअप में मरीज की स्थिति में सुधार न होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जाए। जिलों की आशा कार्यकर्ताओं को भी निर्देशित किया गया है कि प्रतिदिन गाँव में भ्रमण करें और किसी को भी सर्दी खांसी हो तो अस्पताल जाने की सलाह दें तथा उसकी जानकारी ब्लाक मेडिकल ऑफिसर को भी दें। जिले में पॉजिटिव मरीज मिलने पर कान्टेक्ट सर्वे अवश्य कराएं। टेबलेट टेमी फ्लू जिला चिकित्सालय में 500, सिविल अस्पताल में 250 सामुदायिक केन्द्र में 100 एवं प्राथमिक केन्द्र में 50 टेबलेट रखना सुनिश्चित करें

 

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