हैदराबाद की बेटी सईदा फातिम बनीं पायलेट, पिता करते थे बेकरी में काम

नई दिल्ली – उपरोक्त शेर मशहूर शायर मुनव्वर राना का है जिन्होंने यह शेर एयहोस्टेस के लिये और महिला पाईलेट के लिये लिखा था। अब हवाओं में सफर करने के लिये एक और बेटी का नाम जुड गया है। उसका नाम है साल्ले फातिमा जो तेलंगाना के हैदराबाद की रहने वाली हैं। फातिमा पाईलेट बन गई हैं, अब वे हवाई जहाज उड़ायेंगी। फातिमा हैदराबाद के एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं उनके पिता बैकरी में काम किया करते थे।

लगभग एक दशक पहले फातिमा ने एक कार्यक्रम में इच्छा जताई थी कि वे पाईलेट बनना चाहती हैं और आखिरकार उनका यह सपना साकार हुआ, अब वे प्लेन उड़ायेंगी, हिजाब पहने वाली हैदराबाद की यह बेटी सईदा साल्वे फातिमा भारत में कमर्शियल पायलेट का लाईसेंस हासिल करने वाली चार मुस्लिम महिलाओं में से एक हैं।

सईदा फातिमा पायलेट उड़ाने के दौरान हिजाब पहनने को लेकर चर्चा में आई थीं, अब उन्हें नागरिक उडय्यन महानिदेशक के अनुमोदन का इंतजार है, डीजीसीएम के अनुमोदन  के बाद वे एयरबेस ए-320 को उड़ाने में सक्षम हो जायेंगी। उन्होंने बड़ी मुश्किलों का सामने करते हुए इस मुकाम को हासिल किया है। वे एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और उनके पिता एक बेकरी में काम किया करते थे।

पायलेट बनने वाली फातिमा ने बताया कि उन्हें हिजाब को लेकर कभी कोई समस्या नहीं हुई, वे हमेशा इसे अपनी वर्दी के ऊपर पहनती हैं। फातिमा ने बताया कि बहरीने स्थित गल्फ एविएशन अकादमी में उनकी तारीफें हिजाब पहनने को लेकर हुई थीं। और अकादमी की मैग्जीन ने उनकी तस्वीर को प्रकाशित किया था।

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