1 साल तक रेप, जिल्‍लत और संघर्ष की कहानी साक्षी भारती की जुबानी

कानपुर। चर्चित साक्षी भारती रेप कांड की विक्टिम ने खुद के साथ हुए घटनाक्रम पर एक डॉक्‍युुमेंट्री बनाई है। इसे मंगलवार को लखनऊ में रिलीज किया गया। बता दें, साल 2010 में हुए इस कांड का आरोपी सीओ अमरजीत शाही इस समय कानपुर जेल में है। उसे न सिर्फ बर्खास्‍त किया गया है बल्कि कोर्ट ने 10 साल की सजा भी सुनाई।

न्‍यूड फोटो और MMS बनाकर करता रहा 1 साल तक रेप

26 जनवरी साल 2010 को कानपुर के पुलिस लाइन में सीओ कैंट कैप्टन अमरजीत शाही से मिली थी। धीरे-धीरे हमारे बीच दोस्‍ती हो गई। इस बीच अमरजीत कभी पत्‍नी के साथ तो कभी अकेले घर आने लगा। मेरे परिजन भी उसके घर आते-जाते थे लेकिन उसके इरादों से मैं और मेरा परिवार अंजान था। 8 नवंबर 2010 की दोपहर करीब एक बजे अमरजीत घर आया था। उस समय घर पर मैं अकेली थी।

ठंड ज्यादा होने की बात कहकर मुझसे एक कप चाय बनाने के लिए कहा। मैं जब चाय बनाकर आई, तो उसने पानी मांगा। मैं जब पानी लेने गई, तो उसने चाय में नशीला प्रदार्थ मिला दिया। चाय पीने के बाद मुझे कुछ होश नहीं रहा। इस दौरान क्या हुआ मुझे नहीं पता। बाद में शाही ने जब मेरी न्‍यूड फोटो और MMS दिखाई तो मेरे पैरों तले मानों जमीन खिसक गई।

इस फोटो और MMS को पब्लिकली करने की धमकी देकर शाही ने एक साल तक मेरे साथ रेप किया। एक बार मैंने जब उसके साथ रिलेशन बनाने से मना किया तो उसने अपना रिवाल्वर दिखाकर कहा, इससे कई लोगों का एनकाउंटर किया है। ना जाने कितनों को जेल में सड़ा चुका हूं। मैं सीओ हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मेरा तो कुछ नहीं होगा, लेकिन तुम्हारे परिवार को जेल में सड़ा दूंगा।

 

कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका अमरजीत

साक्षी ने बताया, अमरजीत हमेशा कहता था कि तुम मेरी जिंदगी में कोई अकेली लड़की नहीं हो। वह कानपुर से लखनऊ और मथुरा तक ना जाने कितनी लड़कियों के साथ रेप कर चुका है। लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनकी मजबूरियों का फायदा उठना उसकी आदत बन चुकी थी। कोई भी लड़की उसके रसूख के आगे जुबान नहीं खोल पाती थीं।

परिवार को जान से मारने की धमकी देता था आरोपी

उसने बताया, कई बार रेप होने के बाद मैं अंदर से टूट चुकी थी। इसी का नतीजा था कि 13 मार्च 2012 को मैंने जहर खाकर सुसाइड करने की कोशिश की लेकिन मैं बच गई। इसके बाद मैंने अय्याश को सजा दिलाने की ठान ली। मैंने अपने मम्‍मी-पापा को सच्चाई बताई और 13 मार्च 2012 को चकेरी थाने में अमरजीत के खिलाफ शिकायत पत्र दिया। 15 मार्च 2012 को मेरा शिकायती पत्र स्‍वीकार कर अमरजीत के खिलाफ FIR दर्ज किया गया। 9 अप्रैल 2012 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई। 18 अप्रैल 2012 को अमरजीत को जेल हुई। 29 मई 2012 से ट्रायल शुरू हुआ।

इसके बाद जून 2013 को वह बेल पर जेल से बाहर आ गया। बाहर आने के बाद उसने कई बार मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। जब इससे बात नहीं बनी तो उसने शहर में अफवाह फैला दी कि मेरे पापा ने लाखों रुपए लेकर केस वापस ले लिया है। 18 मई 2015 को कोर्ट ने अमरजीत को 10 साल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।

साक्षी ने कहा, बेशर्म था अमरजीत शाही

19 वर्षीय रेप पीड़ि‍ता कानपुर की चकेरी इलाके की रहने वाली है। कानपुर में पली-बढ़ी उसने कभी ये नहीं सोचा था कि जो शहर उसका अपना है उसी शहर में इतना बड़ा कलंक उसके माथे पर लगेगा। अपने ही समाज के लोगों के सामने जिल्‍लत झेलनी पड़ेगी। उसने बताया कि रेप के बाद न्याय पाने के लिए जो जलालत झेलनी पड़ती है उसका अनुभव जीवन का सबसे बुरा अनुभव था। इसलिए कोई पीड़ि‍ता कोर्ट नहीं जाना चाहती। पीड़ि‍ता के मुताबिक अमरजीत शाही बहुत ही बेशर्म इंसान है। उसने बताया कि अमरजीत की हंसी मेरे लिए सबक बन गई। क्‍योंकि मुझे बर्बाद करने के बाद भी वो हंस रहा था। ऐसे में उसका अंत जरूर होना चाहिए था। वो रेप करने का आदती हो गया था। इसलिए मुझे बर्बाद करने के बाद उसे हंसी आ रही थी।

हर चीज से कुछ नया सीखने को मिलता है

रेप पीड़ि‍ता के अनुसार जीवन में हर चीज से एक नया पाठ सीखने को मिलता है। यह भी हकीकत है कि यदि आप लड़ाई लड़ने की हिम्मत करती हैं, तभी आपका कोई साथ देगा। ईश्वर भी तभी मदद करता है। पीड़ि‍ता के मुताबिक एक लड़की के संघर्ष की कहानी उसी दिन शुरू हो जाती है जब वो मुंह खोलती है। घर में भी अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। मोहल्ले में भी अपनी साफ-सुथरी छवि बनाने के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन इंसान जब कुछ ठान लेता है तो उसे जीत जरूर मिलती है।

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