Sagar : पिछले तीन दिनों का मौसम (25 से 27 अक्टू. 2017)

Sehore : आर. ए.के. कृषि महाविद्यालय सीहोर (मध्य प्रदेष) के अनुसार
पिछले 72 घण्टों में आसमान साफ रहे, वर्षा रिकार्ड नहीं की गई। 01 जून से आज तक की कुल वर्षा 1035.8 मिली मीटर दर्ज की गई। दिषा दक्षिण पूर्व से एवं पूर्व से रही तथा गति सामान्य 2 से 5 कि.मी. प्रति घण्टे से रहीं, दिन एवं रात्रि के तापमान में मामूली गिरावट रही, दिन का 27.0 से 28.0 ह्ब् के बीच एवं रा़ित्र का तापमान 15.0 से 16.0 ह्ब् के बीच रकार्ड किया गया।

आगामी पांच दिन¨ (120 घण्टे) के लिये कृषि परामर्श: आगामी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आसमान साफ रहने तथा हवा की दिषा प्रारम्भ में दक्षिण एवं पूर्व बाद के दिनों में दक्षिण पष्चिम से एवं पूर्व से रहेंगी । बारिष होने का अनुमान नहीं है। दिन के तापमान में बढोतरी एवं रात्रि के तापमान में गिरावट रहेने का अनुंमान है। हवा की गति सामान्य से अधिक 2 से 7 किलो मीटर प्रति घण्टा रहेगी । तैयार खरीफ फसलों की तुरन्त कटाई करें और खलिहान में फसल को सुरक्षित रखें तथा उचित नमी पर मडाई एवं भण्डारण करें।
 किसान भाई अपने खेतों की तुरन्त जुताई करें। और इसी नमी पर रबी सीजन की बोबाई करें।
 आगामी रवी फसलों की बीज का चयन कर बुबाई की तैयारी करें। उन्नत बीज एवं आदानों की समुचित व्यवस्था करें।
रबी फसलों
की
तैयारी
1. गेंहॅं की उन्नत किस्में
(अ) पूर्ण सिंचित, किस्में जैसे- जे.डब्ल्यू -1203, जे.डब्ल्यू -1215,एच.आई.-1544 आदि।
(ब) अर्ध सिंचित, (1-2 सिंचाई) किस्में जैसे-जे.डब्ल्यू-3288, जे.डब्ल्यू -3211,जे. डब्ल्यू -3020,एच.आई.-1531 आदि
(स) असिंचित,किस्में जैसे- जे.डब्ल्यू -3288, जे.डब्ल्यू-3173,
2. चने की उन्नत किस्में- बीजोपचार फफूॅदनाषक (थाइरम 1.5 ग्राम$कार्बेन्डाजिम 1.5 ग्राम) प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करने के बाद जैव उर्वरक राइजोबियम एवं पी.एस.बी. से निवेषित करके करें।
आर.व्ही. जे 202, जे.जी.-130, जे.जी.-11, जे.जी.-315, जे.जी.-16, जाकी – 9218 आदि।
तथा काबुली चने में काक -2 तथा जे.जी.के.-1 आदि की बीज की व्यवस्था करें।
3. मसूर की उन्नत किस्में- आर.व्ही.एल.-31, जे.एल.-2 आदि के बीज की व्यवस्था कर बुबाई करें।
बीजोपचार 1. चना,मसूर,मटर आदि दलहन फसलों में बीज को फफूॅदनाषक दवा से उपचारित करने के उपरान्त जैव उर्वरक राइजोबियम कल्चर 2 से 3 ग्राम $ पी. एस. बी. कल्चर 5 ग्राम गेंहॅ आदि में एजोटोबैक्टर 5 ग्राम प्रति किलो बीज उपचारित कर, उपचारित बीज पर 1 ग्राम अमोनियम मोलिब्डेट प्रति किलो बी के मान से मिलावें। ध्यान रहे कल्चर का गाढा घोल बीज पर लगावें पानी की मात्रा उतनी ही लें जिससे कल्चर की पतली परत बीज पर चढ जावे इसके बाद बीज को छायादार स्थान में सुखाकर बोनी के लिए उपयोग करें। मोलिब्डेनम के उपयोग से चने की बढवार अच्छी होती है तथा फसल पौधे बलवान बनते हैं जिससे विपरीत परिस्थिति ( पाला आदि )का फसल पर कुछ हद तक प्रभाव कम पडता है एवं उपज अधिक मिलती है। बीजोपचार यंत्र या मटके आदि में भरकर उपचारित करें।
2. सभी फसलों को बीमारियों से बचाव के लिए बीजोपचार अवष्य करें इसके लिए 2 ग्राम थायरम तथा कार्वेन्डिज्म एक ग्राम कुल तीन गा्रम प्रति किलो बीज के मान से उपचार करें। गेहॅू में एजोटोबेक्टर या एजोस्प्रिलमएवं पी.एस. बी. कल्चर 5-5 ग्राम।
उद्यानिकी 1. अमरुद एवं बेर में फल मक्खी कीट की रोकथाम करें। सिंचाई हेतु थाला बनाकर खाद एवं उर्वरक दें।
2. टमाटर, मिर्च, बैंगन, पत्तागोभी एवं फूलगोभी आदि रवी मौसमी सब्जियों की नर्सरी बनाकर पौध तैयारी करें।
3. प्याज के लिए किसान उन्नत किस्म का बीज एवं खाद की व्यवस्था कर नर्सरी बनाकर पौध तैयार करें।
4. आलु की खेती के लिए बुबाई सितम्बर माह के अन्तिम सप्ताह से प्रारम्भ करें।
5. लहसुन की खेती के लिए बीज की व्यवस्था करें एवं खेत की तैयारी कर बुआई करें।
पषु,
बकरी,
मुर्गी एवं मछली पालन 1. पशुओं के हरे चारे के लिए जवाहर बरसीम जे.बी.-1, जे.बी.-5/ बुन्देल बरसीम-3 / वरदान तथा जवाहर जई-1/जे.एच.ओ-822 तथा आनन्द-2, टी-9 आदि बोऐं।
2. बकरियों में पी.बी.आर. का टीकाकरण अवष्य करवाऐं।
3. मौसम को देखते हुए मुर्गियों में कोक्सीडियोसिस बीमारी के प्रकोप के आसार हंै। बचाव के लिए सफााई रखें एवं किलनी या चीमडी के नियंत्रण के लिये मैलाथियान दवा 3 मि.ली.प्रति लीटर के हिसाव से छिडकाव करें।
4. अनावष्यक जीव जन्तुओं तथा अवांछनीय मछलियों की सफाई करें। तथा खाने वाले पंछियों से सुरक्षा करें।

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