सिरोंज : बिना टाकों का पोस्ट मार्टम

Razi Khan

Vidisha : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में सरकारी परिवहन बंद हुआ था। सीएम शिवराज सिंह के कार्यकाल में सरकारी अस्पताल / GOVERNMENT HOSPITAL बंद होने की कगार पर आ गए हैं। 37843 करोड़ रु. खर्च होने के बाद भी अस्पतालों का ढर्रा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। डॉक्टरों / DOCTORS की मनमानी और सरकार की बेचारगी लगातार जारी है। अब तो मंत्री भी खुलेआम ‘बेचारी सरकार’ का बयान दे देते हैं। फिलहाल मामला विदिशा जिले के पगरानी गांव से आ रहा है। यहां शिवशंकर शर्मा की पत्नी नीता (32) की मौत करंट लगने से हो गई थी।

विदिशा जिले के सिरोंज के शासकीय राजीव गांधी अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही का एक और नमूना सामने आया है जहंा जिंदा मरीजों  के साथ इलाज में लापरवाही बरती जाने के मामले सामने आए है तो वही अब मृत महिला के पोस्ट मार्टम में लापरवाही बरतने का एक बड़ा मामला भी सामने आया जिसमें पोस्ट मार्टम के बाद लगने वाले टाके लगाने में लारवाही बरती गई जिसके कारण महिला का अंतिम संस्कार भी नही हो सका आपकों बता दे की सिरोंज के राजीव गांधी अस्पताल में बीती रात झूकरहोज निवासी 32 वर्षीय महिला नीतू बाई को अस्पताल लाया गया था जहंा डाक्टरों ने उसे मृत घोषित किया था जिसके बाद शाम 6 बजें उस महिला का पीएम डॉ विवेक अग्रवाल द्धारा किया गया था इस दौरान पीएम के बाद महिला के शव को अच्छे से टाकें लगाकर सीआ नही गया और अधूरे टाकें लगाकर शव को परिजों को सौंप दिया गया था जब महिला के परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव को रखने लगे तब अचानक महिला के अधूरे टाकों के बीच से मृत महिला के शरीर के अंातरिक अंग बाहर आकर गिरने लगे जिससे अंतिम संस्कार नही हो सका । इसके बाद महिला के परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर नाराजगी जताई और पुलिस को इसकी सूचना दी तब जाकर अस्पताल के डाक्टर ने एक कर्मचारी को महिला के घर भिजवाकर पोस्ट मोर्टम के अधूरे टाकों को सही कराया ।

 

इस दौरान देखा गया कि जिस व्यक्ति को अस्पताल से टाकें लगाने के लिए भेजा उससे सुई मेें धागा ही नही डल रहा था जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है िकआखिर किस तरह टाकें लगाए गए होंगे फिर अस्पताल के उस कर्मचारी ने पास खड़े दूसरे व्यक्ति से टाकें लगवाए ।

दूसरी घटना मंदसौर की है। यहां के ढाबला माधोसिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला होने के कारण महिला की सड़क पर डिलीवरी करानी पड़ी। इसके एक दिन पहले ही टीकमगढ़ से भी एक ऐसी ही खबर आई थी। वहां भी स्वास्थ्य केंद्र पर ताला होने के कारण प्रसूता ने केंद्र की दीवार के सहारे ही नवजात शिशु को जन्म दिया। शिशु मिट्टी और गंदगी में एक घंटे तक पड़ा रहा।

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