आदिवासी छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निराकरण की मांग की
आदिवासी छात्र संगठन को आश्वस्त करते हुए कहा कि आदिवासी छात्र-छात्राओं का विकास सर्वोपरी-सुश्री अनुसुईया उईके
सीहोर। आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश सचिव कुं. सुमित नर्रें के नेतत्व में आदिवासी छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद केन्द्रीय राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त आनुचित जन जाति आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री अनुसुईया उईके के भोपाल आगमन पर आदिवासी छात्र संगठन के द्वारा आदिवासी छात्र-छात्राओं की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें मांग की गई है कि जिला मुख्यालय सीहोर में बालक आश्रम में हो रही अनियमित्ता की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जाये, आदिवासी बालक आश्रम पर कक्षा 6 से 8 वी तक आदिवासी बच्चों के लिये अग्रेजी संकाय से वहीं पर रखकर पढ़ाई कराई जाती है। बालक-बालिका कम उम्र होने के कारण अपना ध्यान नहीं रख पाते जिसकी जवाबदारी आश्रम की बनती है लेकिन वहां पर अनेक प्रकार की अनियमित्ता के चलते बालक-बालिका के ऊपर मानसिक प्रभाव पड़ रहा है। अंग्रेजी माध्यम की क्लास हिन्दी मीडियम की शिक्षिका से दिलाई जा रही है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। छात्रवास में बच्चों को समय पर शुद्ध भोजन समय पर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिससे बच्चे अस्थ्य होकर बीमार रहते है। जिला मुख्यालय में आदिवासी छात्रावास में छात्रों की अधिकता होने के कारण अन्य आदिवासी छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। मांग की गई है कि 200 से अधिक सीट बढ़ाई जावे ताकि आदिवासी छात्र-छात्राऐं पढ़ाई से वंचित ना रहे। जिला सीहोर के रेहटी ग्राम चकल्दी में प्री-मेट्रिक आदिवासी बालिका छात्रावास खोला जावे। इस क्षेत्र में आदिवासी बड़ी संख्या में निवास करते हैं, छात्रावास बंद होने से वो पढ़ाई से वंचित हो रहे है। शीघ्र ही रेहटी ग्राम चकल्दि में छात्रावास प्रारंभ किया जाये।
ज्ञापन सौंप कर मांग करने वालों में प्रमुख रुप से प्रदेश सचिव कुं. सुमित नर्रे , सुमि कुमरे, सुनील पर्ते, अमन इबने, अमित नर्रे, स्वदेश उइके, जितेन्द्र धुर्वे, जयनारायण पर्ते, विजेन्द्र उइके, लक्ष्मी उइके, प्रयंका उइके, रश्मी पर्ते सहित अनेक छात्र-छात्राओं ने सुश्री अनुसुईया उइके का स्वागत कर ज्ञापन सौंपा
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