कृषि के साथ दुग्ध व्यवसाय भी करे-धरम सिंह वर्मा

सीहोर। भारत विश्व में उस पटल पर पहुंच गया है जहां दुग्ध व्यवसाय में वैश्विक स्तर पर उद्यमियों के लिए अनेक संभावनाएँ उभर कर सामने आ रही है। इसलिए किसानों को कृषि के साथ दुग्ध का व्यवसाय भी करना चाहिए। उक्त विचार जिला सहकारी संघ मर्यादित कार्यालय भवन भोपाल नाके पर आयोजित सहकारी प्रशिक्षण के पांचवें दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अध्यक्ष धरम सिंह वर्मा ने कहे। 
इस मौके पर यहां पर प्रशिक्षण लेने पहुंचे लोगों को जानकारी देते हुए श्री वर्मा ने कहा कि आप सभी ग्रामों में दुग्ध उत्पादक समिति के सचिव ही ग्राम की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक है। ग्राम में कृषि कार्य के साथ-साथ दुग्ध व्यवसाय आवश्यक है, तभी ग्राम के बच्चे अच्छे विद्यालयों में अध्ययन कर सकेंगे तथा स्वयं और सभी सदस्यों, किसानों को अपनी कृषि भूमि, शासकीय भूमि पर भी छायादार, फलदार पौधे लगाने के लिए प्रेरित करे। 
कार्यक्रम के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी तेज सिंह ठाकुर ने कहा कि संपूर्ण भारतवर्ष में जिला सहकारी संघों का गठन सहकारिता आंदोलन का प्रचार-प्रसार करने के लिए किया गया है। जिला संघ द्वारा सहकारी सम्मेलन सहकारी प्रशिक्षण, सहकारी गोष्ठी और समिति के गठन हेतु प्रोत्साहित करना और आवश्यक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम के दौरान शादीलाल वर्मा, मूलचंद वर्मा, छगन लाल जाट, पंकज गौर, धर्मेन्द्र मेवाड़ा, महेश मेवाड़ा, राजकुमार, संतोष दांगी, शिशुपाल राजपूत, दीनदयाल दांगी, लखन सिंह दांगी, मथुरा प्रसाद, तेज सिंह, अभिषेक, मांगीलाल गौर, मनोज गौर, महेश मीणा, मोहन सिंह, संतोष कुमार, राम सिंह दांगी, राम निवास गुर्जर, द्वारका प्रसाद, मोहन मेवाड़ा, राधेश्याम, भगवान सिंह, रोहित, सचिन, चंद्रलाल सिंह, कैलाशचंद और अजब सिंह आदि शामिल थे। 

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