मध्य प्रदेश किसानों की कब्रगाह बन गया-विधायक शैलेन्द्र पटेल
Vinnet Dubey
सीहोर। राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता प्रस्तुत करते हुए मध्य प्रदेश किसानों की कब्रगाह बन गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हजारों की संख्या में किसान कर्ज और अन्य वजह से आत्महत्या करने को विवश है। प्रदेश में सबसे अधिक आत्महत्या खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में हुई है। उक्त आवाज इछावर के विधायक शैलेन्द्र पटेल ने प्रदेश के राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा के दौरान विधानसभा में कांग्रेस की ओर से उठाते हुए प्रदेश में किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, व्यापारियों की समस्याओं प्रदेश सरकार को आईना दिखाया।
कांग्रेस विधायक शैलेन्द्र पटेल का कहना है कि शिवराज सरकार किसानों की आत्महत्या को दूसरा रूप देने में लगी है। इन आत्महत्याओं का कारण पारिवारिक विवाद, नशाखोरी, जमीन विवाद बताया जा रहा है। इतना ही नहीं मंदसौर के किसान आंदोलन के पीछे अफीम तस्करों का हाथ बताकर सरकार ने किसानों का अपमान किया है।
15 हजार से अधिक किसानों ने की आत्महत्या
विधायक श्री पटेल का कहना कि शिवराज सिंह भले ही किसानों को लेकर कितने ही बड़े-बड़े दावें करें, लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि जब से वह मुख्यमंत्री बने हैं प्रदेश में 3 से 4 किसान प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं। 2004 से लेकर 2016 तक प्रदेश में 15 हजार से भी ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की हैं। यह आंकड़ा खुद उन्हीं की सरकार ने दिया है।
प्रदेश में कर्मचारी वर्ग असंतोष
इन दिनों प्रदेश में कर्मचारी वर्ग भाजपा सरकार की नीतियों के कारण आंदोलन कर रहा है। प्रदेश में कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर आंदोलित है, लेकिन सरकार कर्मचारियों के हितों को नजर अंदाज कर रही है। विधानसभा की कार्रवाई के दौरान विधायक श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश में हर यात्रा की ब्रांडिंग की जा रही है। कुछ दिनों पहले नर्मदा सेवा ब्रांडिंग यात्रा कराई इसमें जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा इस यात्रा की ब्रांडिंग में खर्च कर दिया। प्रदेश में सिर्फ भ्रष्टाचार और अनाचार के अलावा कुछ भी नहीं है। पशुपालको को दूध का भाव नही मिल रहा है गोवंश आज रोड के ऊपर है किसानो को रात-रात भर जागकर आपनी फसलो को उनसे बचाना पड़ रहा है
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