2016 में रिलीज हुई बाॅलीवुड के ये 10 फिल्में, आप फिर कभी देखने की हिम्मत नहीं करेंगे!!

दुनिया की सबसे बडी फिल्म इंडस्ट्री होने के नाते, बाॅलीवुड हर साल तकरीबन 100 से ज्यादा फिल्मों के साथ एंटरटेनमेंट करता है। इनमें से कुछ फिल्में हमारा मनोरंजन करती है, और कुछ फिल्में समाज के विभिन्न पक्षों को दिखाती है, और कुछ फिल्में हमें बहुत कुछ सिखाती है, तो कुछ फिल्में हमें दीवार पर सिर मारने के लिए मजबूर करती है। हम सब को ऐसी फिल्म देखने और पैसा बर्बाद करने का पश्चताप होता है। कुछ फिल्में हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि डायरेक्टर ने एक्टर्स को सिर्फ हमारा समय बेकार करने के लिए खडा किया है। हर साल की तरह ही वर्ष 2016 में भी ऐसी कई बेकार फिल्में आई जिन्हें हम कभी दुबारा नहीं देखने चाहेंगे।

 

बाॅलीवुड की ऐसी ही साल की 10 सबसे खराब फिल्मों की एक लिस्ट हम आपके लिए ला रहे हैः –

बेफिक्रे

आदित्य चोपडा ने बतौर निर्देशक, “दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, मोहब्बतें और रब ने बना दी जोडी” जैसी प्रसिद्व फिल्में निर्देशित की है। लंबे समय के अंतराल के बाद आदित्य चोपडा हाल ही में बेफिक्रे मूवी का डायरेक्ट की है। इस फिल्म की घटिया पटकथा और फिल्मांकन के कारण यह फिल्म सिनेमाघरों में भीड नहीं जुटा पाई। और बाॅक्स आॅफिस पर औंधे मुंह गिरी है। आदित्य को अच्छी फिल्मों के लिए जाना जाता है, और उन्हें दिलवाले दुल्हनिया लें जाएंगे के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुका है। बेफिक्रे में उन्होंने सिर्फ किस, किस और सिर्फ किस का खेल ही दिखाया है जो दर्शकों का मन जीतने में नाकाम रहा। रणवीर सिंह और वाणी कपूर की जोडी भी कुछ खास कमाल नहीं कर सकी।

मिर्ज्या

‘रंग दे बंसंती’ जैसी सुपरहिट मूवी का निर्माता, निर्देशक और लेखक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने वर्ष 2016 में अपनी फिल्म मिर्ज्या के जरिए, अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन कपूर को लांच किया। भारतीय हिंदी महाकाव्य कल्पना पर आधारित इस रोमांटिक थ्रिलर मूवी का बाॅक्स आॅफिस पर वो हाल हुआ जिसकी मेहरा ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। इस फिल्म में सहायक कलाकारों के रूप में अनुज चैधरी, ओम पुरी, के के रैना और अंजलि पाटिल जैसे सितारे थे। एक्ट्रेस के रूप में मुख्य भूमिका में सैयामी खेर की भी यह पहली फिल्म थी। खैर, फिल्म के हाल को देखकर राकेश आगे इस तरह की फिल्मों के निर्माण की कल्पना भी नहीं करेंगे।

मस्तीजादे

जैस फिल्म का शीर्षक है वैसे ही फिल्म में सन्नी लियोनी के साथ तुषार कपूर और वीर दास मस्ती करते दिखे। लेकिन दर्शकों को इनकी मस्ती जरा भी रास नहीं आई, और फिल्म का कमाई करने में नाकाम रही। सन्नी लियोनी की सेक्सी इमेज भी दर्शकों को सिनेमा तक खींच कर नहीं ला सकी। इस फिल्म के लेखक और डायरेक्टर ने क्या सोच कर फिल्म की है, दर्शक अभी तक भी जबाब ढूढ रहे है।

क्या कूल है हम 3

क्या कूल है हम 3 और मस्तीजादे में वैसे कोई खास अंतर नहीं है, दोनों ही फिल्में एक जैसी ही थी। इस फिल्म के लेखक को सलाम है जिसने सोचा था कि सेक्स जाॅक्स के बिना लोगों को हंसाया नही जा सकता। फिल्म में स्कीन का प्रदर्शन कुछ ज्यादा ही किया गया था। आश्चर्य की बात तो यह भी है कि सेंसर बोर्ड ऐसी फिल्मों के प्रमाणन के समय अपनी आंख बंद कर लेता है क्या ??

ग्रेट ग्रांड मस्ती

ग्रेट ग्रांड मस्ती जैसी फिल्मों को देखकर तो वास्तव में लगता हैं कि फिमेल एक्टर्स को इस तरह की बकवास के लिए ही साइन किया जाता है क्या। मस्ती सीरिज की यह तीसरी फिल्म थी। पहली और दूसरी फिल्म के अच्छे क्लेक्शन के कारण ही निर्माता, निर्देशकों ने यह सेक्स काॅमेडी फिल्म परोसी थी। फिल्म में हर बात के डबल मीनिंग थे, जो कहीं ना कहीं दर्शकों की नजर में बेतुका थे। फिल्म इसी कारण बाॅक्स आफिस पर ढेर हो गई।

की एंड का

आर. बाल्की निर्देशित की एंड का में जेंडर्स के रोल को एक दूसरे के विपरीत कार्य करते हुए, सोसायटी के बदलाव के तौर दिखाया गया था। जो दर्शकों को ज्यादा ही अटपटा लगा। करीना कपूर और अर्जुन कपूर स्टारर इस मूवी का काॅन्सेप्ट लोगों को भाया नहीं, इसलिए यह मूवी बाॅक्स आॅफिस पर फिसड्डी ही साबित हुई।

मोहन जोदडो

‘जोधा अकबर’ जैसी इपिक हिस्टोरिकल ड्रामा फिल्म बनाने के बाद, सिनेमा के दर्शकों को आशुतोष गोवारीकर से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें थी, लेकिन वे दर्शकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। मोहन जोदडो कालीन सभ्यता का यह काॅन्सेप्ट को दर्शक असेप्ट नहीं कर पाए और फिल्म बुरी तरह फ्लाॅप हुई। क्या दर्शक आशुतोष से इसी तरह के इतिहास वाली फिल्म की उम्मीदें कर रहे थे??

घायल वन्स अगेन

इस मूवी की प्रिक्वल पहले ही दर्शकों का दिमाग खराब कर चुकी थी, वे दोबारा इसे सहन नहीं कर सकते थे। पता नहीं सन्नी पाजी को क्या सूझा, कि उन्होने ‘घायल’ का सिक्वल ‘घायल वन्स अगेन’ लेकर आए। लेकिन इस फिल्म को सिनेमा घरों में खीचने के लिए दर्शक नहीं मिले। घायल वन्स अगेन बनाते वक्त शायद सन्नी देओल के दिमाग में पहले आई घायल की सफलता हावी थी।

बार बार देखो

करण जौहर के सह-निर्माण की यह फिल्म बार बार देखने तो दूर की बात, दर्शकों ने इसे एक बार देखने से ही तौबा कर ली। सिनेमा हाॅल से निकलते ही दर्शकों की पहली प्रतिक्रिया ही यह थी कि एक बार भी मत देखो। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि फिल्म का क्या हाल हुआ होगा। हालांकि फिल्म के गाने हिट होने से निमार्ता और निदेशक कुछ ज्यादा ही क्लेक्शन की उम्मीदवार कर बैठे। लेकिन फिल्म दर्शकों को मल्टी-प्लेक्स तक खीचने में नाकाम रहीं।

हाउसफुल 3

हाउसफुल सीरिज की यह तीसरी फिल्म थी। जिसका निर्माण साजिद नाडियादवाला और निर्देशित साजिद फरहाद ने की थी। इस फिल्म में मुख्य कलाकार के रूप में अक्षय कुमार, रितेश देशमुख, अभिषेक बच्चन और बोमन ईरानी जैसे स्टार्स थे। लेकिन फिल्म सिनेमाघरों में संघर्ष करते नजर आई। और ‘हाउसफुल’ और ‘हाउसफुल 2’ जैसी कमाई करने में कामयाब नहीं हो पाई।

बागी

एक्शन और लव स्टोरी बेस्ड बागी को शब्बीर खान ने निर्देशित किया था। फिल्म में टाइगर श्राफ और श्रद्धा कपूर मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में न ही तो एक्शन कमाल कर सका और न ही टाइटर श्रद्धा की जोडी लोगों के दिल में जगा बना सकीं। मार्शल आर्ट के तडके वाली यह फिल्म पूरी तरह से फ्लाॅप रही।

अजहर

पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाडी मोहम्मद अजहरूद्दीन के जीवन पर बनी “अजहर” एक फ्लाॅप बायोपिक साबित हुई। इमरान हाशमी और प्राची देसाई जैसे कलाकारों ने इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाए। टोनी डीसूजा निर्देशित यह फिल्म अब तक की सबसे खराब बायोपिक साबित हुई। इमरान हाशमी ने अपनी सीरियल किसर की इमेज तो तोडने के लिए यह फिल्म साइन की थी। लेकिन किसको पता था कि वे ऐसी इमेज तोडेंगे कि पूरी फिल्म ही टूट जाएगी।

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