रेहान शैख़ बने हाफ़िज़

सिहोर । शहर क़स्बे  के रहने वाले  रेहान शैख़  पिता श्री रफ़ीक शैख़   ने सिर्फ 17  साल की  उम्र में पुरे कुरान को हिफ्ज़ कर लिया है | काफ़ी  कम उम्र में सुरह यासीन को याद करने के बाद कुछ सालो में रेहान ने पुरे कुरान को हिफ्ज़ कर लिया है |

रेहान के हिफ्ज़ में उनकी वालिदा का बहुत योगदान है उन्होंने 05 घंटे रोजाना रेहान  के हिफ्ज़ करने के तय किये  ! उनका कहना है अल्लाह ने हमको और मेरे बेटे को सब्र दिया वरना ऐसा करना आसान नही था !

उन्होंने अपनी बेटे को उत्साहित करने के लिए कुरान के हर हिस्से के हिफ्ज़ पे ईनाम दिया ताकि रेहान  का उत्साह बना रहे !

मस्जिद जमानपुरा क़स्बा के मदरसे तफ्सीन उद्दीन से हाफ़िज़ क़ुरान बने रेहान ने 05 साल की पढ़ाई में  कोई क़सर नहीं छोड़ी !

01 साल के बाद ही बंद हुआ मदरसा , फिर भी नहीं छोड़ी पढ़ाई

 रेहान ने बतया के क़स्बे निवासी जहूर भाई किराने वालो की अम्मी से नादरा कर जब वो तीन मीनार मस्जिद में क़ुरान हिफ़्ज़ करने के लिये गए तो एक साल तक हाफ़िज़ निज़ाम उद्दीन गोरखपूर वाले और उनके भाई मुफ़्ती ईमाम उद्दीन से पढ़ाई शुरू की।

एक साल मैंने एक से बारह पारे तीन मीनार मस्ज्दि में पुरे किए ! किसी कारण मरदसा बंद हो गया  !

मुफ़्ती ईमाम उद्दीन साहब  और उनके भाई हाफ़िज़ निज़ाम उद्दीन साहब

 

 मदरसे के  हाफ़िज़ निज़ाम उद्दीन साहब , मुफ़्ती ईमाम उद्दीन साहब  वापस  गोरखपूर उत्तर प्रदेश  लौट गए !

जिस  के बाद  मदरसा तफ्सीन उद्दीन  जमान पूरा क़स्बा के आलिम  सईद साहब  की सरपरस्ती में क़ुरान हफ़्ज़ा मुक्मल हुआ !

रेहान का सपना मुफ्ती बनने सहित डॉ बनने का हैं ! 

रेहान शेख़ के हाफ़िज़ बनने पर उनके परिवार में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी !

बधाई देने वालो में फुरकान भाई , रिज़वान भाई, फैज़ान , फ़रदीन,शारूख , आदि सहित मरदसे के छात्र-छात्रों ने बधाई दी !

 

 

Be the first to comment on "रेहान शैख़ बने हाफ़िज़"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!