27 फर्जी यूनिवर्सिटी का खुलासा, ये रही लिस्ट, हजारों नौकरियां लग गईं |

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाकर बेचने वाले एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने फुलप्रूफ प्लानिंग के साथ 27 फर्जी यूनिवर्सिटी बना रखीं थीं। फुलप्रूफ प्लानिंग इसलिए यदि कोई आॅनलाइन वेरिफिकेशन करना चाहे तो आसानी से कर सकता है। रैकेट का सरगना दिल्ली यूनिवर्सिटी का टेलेंटेड स्टूडेंट है। पकड़े जाने की संभावना ही नहीं थी परंतु एक ऐसे व्यक्ति ने इस रैकेट का पर्दाफाश कर दिया जो खुद 10वीं पास नहीं कर पाया था। चौंकाने वाली बात तो यह है कि कई सरकार दफ्तर भी इस फर्जीवाड़े को पकड़ नहीं पाए। आॅनलाइन वेरिफिकेशन के आधार पर हजारों लोगों को सरकारी नौकरियां दे दी गईं।

इस गिरोह का खुलासा उस समय हुआ जब राजस्थान के सीकर का एक युवक 10वीं की मार्कशीट के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए गया। पासपोर्ट ऑफिस में जांच के दौरान मार्कशीट को फर्जी बताकर युवक का आवेदन रद्द कर दिया। युवक ने इसकी शिकायत पुलिस को की और फिर सबूत जुटाना शुरू किए तो पता चला कि इस रैकेट में तो एक नहीं दर्जनों फर्जी बोर्ड और यूनिवर्सिटी संचालित हो रहीं हैं। देश भर में हजारों मार्कशीट बेची जा चुकीं हैं। सारे सबूत जब पुलिस के सामने रखे तो पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी।

पंजाब में होती थी छपाई

पुलिस ने बताया कि दिल्ली के हरिनगर में चल रहे SKRM नाम के एक शिक्षण संस्था से बड़ी मात्रा में फर्जी डिग्रियां बरामद की है। ये डिग्रियां पंजाब में छापी जाती थीं। पुलिस ने गिरोह के सरगना पंकज सिंह, पवित्र सिंह और छपाई करने वाले गोपालकृष्ण को गिरफ्तार किया है।

फर्जी डिग्री से सरकारी नौकरी

पुलिस ने बताया कि पिछले 2-3 सालों में इस गिरोह ने हजारों फर्जी डिग्रियां बेची हैं और इन्हीं मार्कशीट और डिग्री के माध्यम से बहुत से लोग सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरियां कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि ऐसे लोगों की खोज की जा रही है जो इस डिग्रियों के माध्यम से सरकारी नौकरियों में लगे हैं।

न्यूज पेपर में विज्ञापन देते थे

डीसीपी (वेस्ट) विजय कुमार ने बताया कि हरिनगर पुलिस स्टेशन में एक युवक ने 10वीं की फर्जी मार्कशीट होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उस शिकायत के आधार पर जब पुलिस ने कार्रवाई की तो इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ। युवक ने बताया कि उसने राजस्थान के एक न्यूज पेपर में विज्ञापन देखकर पंकज अरोड़ा से संपर्क किया था। पंकज ने एक निश्चित रकम के बाद उसे 10वीं की मार्कशीट देने की बात कही। इस पर युवक ने कहा बिना किसी एक्जाम में बैठे किस तरह 10वीं पास कर सकता हूं। युवक ने अपनी शिकायत में कहा कि पंकज अरोड़ा ने उसे किसी भी बात की चिंता नहीं करने का आश्वासन दिया था। पीड़ित युवक ने मार्कशीट मिलने के बाद जब उसे वेबसाइट पर चैक किया तो वेबासइट में उसे अपनी मार्कशीट भी दिखाई दी। इस पर उसे विश्वास हो गया कि मार्कशीट असली है लेकिन जब वह सीकर पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट बनवाने के लिए गया तो पता चला कि मार्कशीट नकली है।

देशभर में नेटवर्क

पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के 40 से अधिक एजेंट पूरे भारत में काम कर रहे हैं। वे इस तरह के युवकों को तलाश करके SRKM शिक्षा एवं कल्याण सोसायटी में रजिस्टर्ड कराते थे। पुलिस ने बताया कि एक टीम जब इस शिक्षा संस्थान के पते पर पहुंची तो वहां ताला लगा हुआ था. और ज्यादा छानबीन करने पर पुलिस ने पांच जनवरी को पंकज अरोड़ा का गिरफ्तार किया था।

ये रही लिस्ट

bseap.org.in, pertaining to Board of Secondary Education Andhra Pradesh,

alldunivpio.org, pertaining to University of Allahabad,

upboard.in, pertaining to UP State Board,

statecouncil.in, pertaining to Karnataka State Council of Intermediate and Higher Education,

dcrusm.org, pertaining to Deenbandhu Chhotu Ram University of Science and Technology, Murthal, Haryana,

punjabboard.org, pertaining to Punjab State Open School,

ncte.org.in, pertaining to Northern Council For Vocational Training,

ksou.info, pertaining to Baba Sahib Ambedkar Institute of Technology Management,

pcigov.in, pertaining to Para Medical Council (India)

cisceresults.org, pertaining to Council For The Indian School Certificate Examinations

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