450 कॉलेजों के प्राचार्य नहीं जानते हैं नियम

भोपाल । प्रदेश के 477 सरकारी कॉलेजों में अधिकांश में प्रभारी प्राचार्यों से काम चलाया जा रहा है। इन कॉलेजों में खरीदी सहित अन्य नियमों से प्रभारी प्राचार्यों के अनभिज्ञ होने से प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। कई प्राचार्य विभागीय जांच में फंस गए हैं। उच्च शिक्षा विभाग इन प्राचार्यों को जांच से बचाने के लिए विभागीय जांच, नियम, वित्तीय संहिता, कैश बुक लेखन, जनभागीदारी से विकास कार्य कराने और इस राशि का सदुपयोग करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। दो माह से अधिक समय तक चलेगी ट्रेनिंग सरकारी कॉलेजों के प्राचार्य और प्रोफसरों को उच्च शिक्षा विभाग खरीदी संबंधी पाठ पढ़ाने में जुटा हुआ है। इसके लिए प्रशासन अकादमी में प्राचार्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश में संचालित होने वाले 447 कॉलेजों के प्राचार्यों को दो दलों में आवंटित कर ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग दो माह से ऊपर चलने की संभावना जताई जा रही है। जनभागीदारी समिति की राशि का दुरुपयोग प्रशिक्षण के दौरान चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसमें आटोनोमस कालेजों में प्राचार्य और प्रोफेसर अतिरिक्त प्रभार के रूप में कार्य करने पर विभाग को बिल लगा देते हैं। इसका वे भुगतान हासिल कर रहे हैं, जो नियमानुसार गलत है। वहीं कुछ कालेजों में प्रोफेसर जनभागीदारी के माध्यम से कक्षाएं पढ़ाने तक की राशि निकाल रहे हैं। इसके साथ बताया गया है की कालेज में पदस्थ स्टाफ के बाद भी जनभागीदारी से तीस से चालीस लोगों को नियुक्त कर सेवाएं ली जा रही हैं।

विभागीय जांच में फंसे डेढ़ दर्जन प्राचार्य

प्रोफेसर से कॉलेज प्राचार्य के प्रभार में आए अधिकांश प्राचार्य व प्रोफेसर विभागीय जांच खरीदी नियम नहीं जानने के कारण विभागीय जांच में फंस गए हैं। वर्तमान में ऐसे 20 प्राचार्य, पचास प्रोफेसर, चपरासी व क्लर्क पर नियम विरुद्ध जनभागीदारी समिति की राशि का दुरुपयोग करने का आरोप है। इनके द्वारा उक्त राशि से नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियों के कारण 130 को शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं। अब बिना अर्हता के प्रभारी प्राचार्य बनाए जाने के कारण विभाग अब इन्हें बचाने के लिए ट्रेनिंग का रास्ता अख्तियार कर रहा है।

 

Be the first to comment on "450 कॉलेजों के प्राचार्य नहीं जानते हैं नियम"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!