5 साल से खेत में तना खड़ा है AURA MALL BHOPAL, अफसरों की नींद अब टूटी

भोपाल। राजधानी में अधिकारियों की मिलीभगत के चलते खेती के लिए आरक्षित जमीनों पर मंजिलें तान दी जातीं हैं और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता। जब बिल्डर सारी संपत्ति बेच चुका होता है तब डायवर्सन की कार्रवाई शुरू की जाती है। ऐसा ही कुछ गुलमोहर कालोनी स्थित औरा माल के मामले में हुआ है। निर्माणकर्ताओं ने सरेआम पूरा मॉल तान दिया। 5 साल से यह मॉल सीना ताने खड़ा है परंतु प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब 5 साल बाद डायवर्सन की औपचारिकता शुरू की गई है।

टीटी नगर एसडीएम संजय श्रीवास्तव ने अॉरा मॉल संचालक पर 31 लाख की डायवर्जन वसूली निकाली है। वसूली की राशि जमा कराने की जिम्मेदारी तहसीलदार भुवन गुप्ता को दी गई है। यह जमीन सरकारी रिकार्ड में खेती के लिए आरक्षित है। यहां भवन या दुकानें नहीं बनाई जा सकतीं थीं बावजूद इसके सरेआम निर्माण किया गया है। सवाल यह है कि मॉल संचालक से वसूली निकालने के साथ साथ तत्कालीन पटवारी, एसडीएम, तहसीलदार के खिलाफ भी तो नोटिस जारी किया जाना चाहिए। क्यों उन्होंने उस समय अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया जबकि यह मॉल बनवाया जा रहा था।

तहसीलदार नहीं, अब कलेक्टर ही लेंगे श्रीमती साड़ी मॉल की कुर्की का फैसला

दो सप्ताह बाद भी तहसीलदार फैसला नहीं ले सके हैं कि यदि बिट्टन मार्केट स्थित श्रीमती साड़ी मॉल की कुर्की कुर्की होती है तो वह मेसर्स आरती अग्रवाल के लिए की जाएगी या बैंक आॅफ महाराष्ट्रा के लिए। इस संबंध में फैसला अब कलेक्टर लेंगे।

दरअसल मेसर्स आरती अग्रवाल (भागीदारी फर्म) की ओर से संतोष बंसल ने मॉल की कुर्की की कार्रवाई को लेकर आपत्ति पेश की है, इसके बाद से ही मामला उलझा है। श्रीमती साड़ी के संचालक ने बिट्टन मार्केट स्थित मॉल को बंधक रखकर बैंक आॅफ महाराष्ट्र से लोन लिया, जिसको उन्होंने नहीं चुकाया। तत्कालीन कलेक्टर निशांत वरवड़े ने 18 करोड़ की वसूली के लिए दिसंबर 2016 में मॉल को कुर्क कर बैंक को पजेशन देने के आदेश दिए। तहसीलदार टीटी नगर ने श्रीमती साड़ी के संचालक को 14 सितंबर शाम तक मॉल को खाली करने का नोटिस थमाया था।

Be the first to comment on "5 साल से खेत में तना खड़ा है AURA MALL BHOPAL, अफसरों की नींद अब टूटी"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!