BCCI की लापरवाही मिताली को पड़ी भारी, खेल रत्न से चूकीं

नई दिल्ली। बीसीसीआई की लापरवाही की वजह से विश्व कप उपविजेता भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज को खेल रत्न पुरस्कार से वंचित रहना पड़ा। बीसीसीआई ने मिताली का नाम देश के इस सबसे प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार के लिए भेजा ही नहीं।

मिताली के लिए ‍कुछ दिनों पहले संपन्न महिला विश्व कप उपलब्धियों भरा रहा। उन्होंने इस दौरान कई विश्व रिकॉर्ड बनाए। उन्होंने इस दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने की उपलब्धि हासिल की। इसके अलावा उन्होंने इसी दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा फिफ्टी और लगातार सबसे ज्यादा फिफ्टी (सात) लगाने के कीर्तिमान बनाए। इसके अलावा मिताली विश्व कप में दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी बनी।

बीसीसीआई यह अंदाजा नहीं लगा पाई कि मिताली की टीम इंडिया विश्व कप में इतनी सफल हो सकती है या फिर वे इतने विश्व कीर्तिमान बना सकती हैं। इस पुरस्कार के लिए नाम भेजने की डेडलाइन 30 अप्रैल थी, ले‍किन इसके बाद भी खिलाड़‍ियों के नाम भेजे जाते रहे हैं। पिछले वर्ष खेल मंत्रालय ने रियो ओलिंपिक में पदक जीतने वाली पीवी सिंधु, साक्षी मलिक तथा चौथे स्थान पर रही दीपा करमाकर के नाम अंतिम समय में शामिल करने की अनुमति प्रदान की थी। इनके अलावा पिछले वर्ष निशानेबाज जीतू राय को भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया था। यह पहला मौका था जब एक साथ चार खिलाड़‍ियों को यह पुरस्कार दिया गया।

बीसीसीआई यदि पहल करता तो इस बार भी विश्व कप के धमाकेदार प्रदर्शन के बाद मिताली का नाम इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए भेजा जा सकता था। लेकिन बीसीसीआई ने ऐसी कोई पहल नहीं की। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमारा संगठन इस वक्त संचालन को लेकर मुश्किल में चल रहा है, इसके चलते ऐसा कदम नहीं उठाया जा सका।’

बीसीसीआई ने इस वर्ष अर्जुन पुरस्कार के लिए चेतेश्वर पुजारा और हरमनप्रीत कौर के नाम भेजे, जिन्हें चुन लिया गया। अपने नाम की सिफारिश नहीं किए जाने को लेकर मिताली ने कहा, ‘मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकती हूं। इस बारे में फैसला लेने का अधिकार बीसीसीआई का है।’

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