CBSE के छात्रों को HC ने दी राहत, अब किसी भी सबजेक्ट का करवा सकेंगे रि-इवैलुएशन

New delhi :हाईकोर्ट ने 12 वीं कक्षा के छात्रों को उत्तर पुस्तिका के पुन:मूल्यांकन मामले में बड़ी राहत प्रदान कर दी। अदालत ने सीबीएसई द्वारा पुन:मूल्यांकन से इंकार करने की नीति को गलत ठहराते हुए उन सभी छात्रों की उत्तर पुस्तिका का पुन:मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है जो भी छात्र आवेदन करें। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी.हरिशंकर की खंडपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि कहा कि मामले में याचिकाकर्ता स्टूडेंट ने जो सवाल उठाए हैं उससे पहली नजर में लगता है कि अंतरिम आदेश का केस बनता है और इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि याचिकाकर्ता छात्रों का कॉलेज में दाखिला आदि पर असर हुआ होगा।

अदालत ने कहा उनका फैसला सभी उन छात्रों पर लागू होगा जो भी अपने किसी भी पेपर का पुन:मूल्यांकन करवाना चाहते है। अदालत ने कहा उनका मानना है कि यदि किसी भी छात्र को पुन:मूल्यांकन न होने से नुकसान हुआ तो उसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

दरअसल 23 जून को सीबीएसई ने हाई कोर्ट को बताया था कि अगर कोई छात्र ये समझता है कि 12 वीं एग्जाम में आंशरशीट मार्किंग स्कीम के तहत सही तरह से नहीं देखा गया है वह बोर्ड को दोबारा वेरिफिकेशन स्कीम के लिए संपर्क कर सकता है।
सीबीएसई की ओर से दी गई इस दलील को अवकाशकालीन न्यायमूर्ति ने स्वीकार कर छात्रों को संबंधित अथॉरिटी से संपर्क करने को कहा था।

याचिकाकर्ता ने खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर कर बताया कि सीबीएसई ने इस मामले में कोर्ट में जो बयान दिया उससे अलग उसने 28 जून को इस बाबत एक नोटिस जारी किया और तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए है। आंशरशीट को दोबारा चेक करने के मामले में सीबीएसई ने कई शर्त और प्रतिबंध लगाए है।

इसके तहत कहा गया कि सिर्फ कुछ बड़े सब्जेक्ट का ही दोबारा जांच होगी। इसके अलावा दोबारा जांच के लिए 10 सवालों तक की लिमिट तय की है। प्रति सवाल 100 रुपये की फीस तय करते हुए यह भी शर्त लगा दी कि यदि दोबारा जांच में 5 नंबर या उससे ज्यादा आएंगे तभी पुराने नंबर खत्म कर नए नंबर जोड़े जाएंगे।

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