भोपाल :उज्जैन जिले के ग्राम नजरपुर में बसन्तेश्वरी कस्टम हायरिंग सेन्टर का मालिक है युवा स्नातक अनिल गुजराती। स्नातक के बाद एम.एस.डब्ल्यू की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् पिछले साल जुलाई 2016 तक अनिल एक स्वयंसेवी संस्था में काम करता था। आमदनी नहीं के बराबर थी, घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हुआ करता था।
जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारियों ने अनिल को ग्राम नजरपुर और आसपास के गांवों की आवश्यकता की पूर्ति के लिये खेती-किसानी के उपकरण किराये पर देने के लिए कस्टम हायरिंग सेन्टर खोलने की सलाह दी। साथ ही इस सेन्टर के लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना से वित्तीय सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अन्तर्गत अगस्त 2016 में युवा स्नातक अनिल गुजराती ने ग्राम नजरपुर में कस्टम हायरिंग सेन्टर खोलने के लिये ऋण का आवेदन दिया। जनवरी 2017 में अनिल को बैंक ऑफ इंडिया ने 15 लाख 50 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया। ऐसे खुला अनिल गुजराती का कस्टम हायरिंग सेन्टर।
ग्राम नजरपुर में अनिल का कस्टम हायरिंग सेन्टर बसन्तेश्वरी सेन्टर के नाम से जाना जाता है। ग्राम नजरपुर के साथ-साथ आसपास के गांवों के छोटे और मझौले किसान खेती में काम आने वाले उपकरण जैसे ट्रेक्टर, रोटावेटर, प्लाउ, कल्टीवेटर, स्ट्रारिपर, सीडड्रिल आदि उपकरण इस सेन्टर से किराये पर लेकर अपनी खेती बाड़ी करते हैं। अनिल का मधुर व्यवहार, ईमानदारी और लगन के बलबूते पर बसन्तेश्वरी कस्टम हायरिंग सेन्टर काफी लोकप्रिय हो गया है। आसपास के इसाकपुरा, लखायड़ा, बनोड़ा, बमोरी, निपानिया और धन्नाखेड़ी आदि कई गांव के छोटे किसान अनिल से किराये पर खेती के उपकरण ले रहे हैं। इस सेन्टर से किसानों को 600 रुपये से 800 रुपये प्रति घंटे के वाजिब किराये पर खेती के उपकरण दिये जाते हैं।
शिक्षित युवा अनिल गुजराती अपने घर में ही स्थापित बसन्तेश्वरी कस्टम हायरिंग सेन्टर से रोजाना न्यूनतम एक हजार रुपये की आय प्राप्त कर रहा है। अनिल ने अपने सेन्टर के लिये ट्रेक्टर से लेकर अन्य सभी कृषि उपकरण उज्जैन और बड़नगर से खरीदे हैं। बैंक की किश्त नियमित रूप से चुकाने के बाद भी अनिल गुजराती का परिवार पूर्णत: सुखी जीवन व्यतीत करने लगा है।
सफलता की कहानी (जिला उज्जैन)
Be the first to comment on "बसन्तेश्वरी कस्टम हायरिंग सेन्टर का मालिक बना अनिल गुजराती"