UK Referendum: ब्रिटेन के पीएम डेविड कैमरन देंगे इस्तीफा

Remain Leave
  48% 52%
VOTES 16,141,241 17,410,742

लाईव डेस्क

लंदन : ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन (इयू) का हसि्सा नहीं रहेगा इसका फैसला हो चुका है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कल हुए मतदान में 52 प्रतिशत लोगों ने ‘लीव’ के पक्ष में वोट डाला जबकि 48 प्रतिशत लोगों ने ‘रिमेन’ में. ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि अब ब्रिटेन को नए नेतृत्व की जरूरत है. इस्तीफे के संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के लोगों की इच्छा का सम्मान होना चाहिए. मैं ब्रिटेन के लोगों से कहना चाहता हूं की अर्थव्यवस्था मजबूत है. आपको बता दें कि बेहद तीखे प्रचारों ने कैमरन की अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के बीच ही एक गहरे विभाजन को उजागर कर दिया था हालांकि उनकी पार्टी के 80 से ज्यादा सांसदों ने इस आंतरिक उठापटक को जल्दी ही शांत करते हुए कैमरन से बीती रात ही कहा है कि वह प्रधानमंत्री बने रहें. इन सांसदों ने कल रात मतदान खत्म होने के बाद कैमरन को पत्र सौंपा था. इंग्लैंड के पूर्वोत्तर, मिडलैंड्स और वेल्स इलाकों में यूरोपीय संघ से अलग होने की चाह रखने वालों की संख्या अनुमान से कहीं ज्यादा दिखे. वहीं लंदन, स्कॉटलैंड, नॉर्दन आयरलैंड में उन लोगों की संख्या अधिक है जो यूरोपीय संघ के साथ बने रहने की चाहत रखते हैं.यूरोपीय संघ मे भविष्य के लिए ब्रिटेन की सदस्यता पर हुई रायशुमारी में पहला नतीजा यूरोपीय संघ में बने रहने के पक्ष में गया. आपको बता दें कि मतदान के बाद कोई एग्जिट पोल तो नहीं आए थे लेकिन यूगव की ओर से किए गए ‘ऑन द डे’ सर्वेक्षण के जरिए कल देर रात यूरोपीय संघ में रहने के पक्षधर ‘रिमेन’ खेमे को 52 प्रतिशत और 28 देशों के आर्थिक ब्लॉक यूरोपीय संघ को छोडने के पक्षधर ‘ब्रेग्जिट’ (या ब्रिटेन्स एग्जिट) खेमे को 48 प्रतिशत वोट मिलने का पूर्वानुमान जताया था.

बाहरी लोगों की संख्या बढ़ना बना ब्रेक्जिट का बड़ा कारण

अंतिम राष्ट्रीय परिणाम की आधिकारिक घोषणा ब्रिटेन के निर्वाचन आयोग की प्रमुख मतगणना अधिकारी जेनी वाटसन मैनचेस्टर टाउन हॉल से करेंगी. ब्रिटेन के भाग्य के बारे में फैसला करने के लिए कल बडी संख्या में लोगों ने मतदान किया था. विशेषज्ञों का कहना था कि भारी मतदान से ‘रिमेन’ अभियान को फायदा होगा लेकिन परिणाम बिलकुल उल्टा रहा.

क्या होगा कैमरन का

अंतिम निर्णय का देश के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के राजनीतिक भविष्य पर क्या असर पडेगा इसका सबको इंतजार है. कैमरन ने बार-बार इसी बात पर जोर दिया था कि वर्ष 2015 के आम चुनाव ने उन्हें कार्यकाल जारी रखने का जनादेश दिया है, फिर चाहे नतीजा कुछ भी आए. बेहद तीखे प्रचारों ने कैमरन की अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के बीच ही एक गहरे विभाजन को उजागर कर दिया है. हालांकि उनकी पार्टी के 80 से ज्यादा सांसदों ने इस आंतरिक उठापटक को जल्दी ही शांत करते हुए कैमरन से कहा है कि वह प्रधानमंत्री बने रहें. इन सांसदों ने कल रात मतदान खत्म होने के बाद कैमरन को पत्र सौंपा था. इन सांसदों में ‘लीव’ अभियान के बोरसि जॉनसन और भारतीय मूल की मंत्री प्रीति पटेल शामिल थीं.BREXIT : यूरोपियन यूनियन को लेकर क्या रहेगा ब्रिटेन का रूख ?

क्या है पत्र में

कैमरन की पार्टी के 80 से ज्यादा सांसदों इस पत्र में कहा कि ”हम ‘वोट लीव’ के समर्थक और कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य हैं. हम आपका शुक्रिया करते हैं कि आपने ब्रिटेन के लोगों को 23 जून को उनका भाग्य चुनने का मौका दिया. हमारा मानना है कि ब्रिटेन के लोग चाहे कुछ भी फैसला करें, आपके पास जनादेश भी है और यह आपका कर्तव्य भी है कि आप देश का नेतृत्व करें और हमारे 2015 के घोषणापत्र को लागू करें.’ जनमत संग्रह के लिए दोनों ही पक्षों ने 4.6 करोड मतदाताओं से अपील की थी कि वे बारिश और बाढ के बावजूद मतदान जरुर करें. इन मतदाताओं में 12 लाख भारतीय मूल के ब्रिटिश लोग भी थे. कुछ क्षेत्रों में जल भराव हो जाने के कारण मतदान केंद्रों को बंद करके कसिी दूसरे स्थान पर ले जाना पडा था लेकिन लोगों में मतदान को लेकर उत्सुकता दिखाई.

क्या कहा था नीगेल फेरेज ने

धुर दक्षिणपंथी यूके इंडीपेंडेंस पार्टी (यूकेआईपी) के नेता नीगेल फेरेज ने बहुत पहले ही जीत की घोषणा करते हुए कहा था, ”यह सपना देखने की हिम्मत दिखाइए कि स्वतंत्र ब्रिटेन में सूर्योदय हो रहा है. 23 जून हमारा स्वतंत्रता दिवस होगा.’ इस जनमत संग्रह में 72 प्रतिशत का भारी मतदान देखने को मिला. इस मतदान का फैसला वर्ष 1975 में हुए उस जनादेश को उलट रहा है, जसिमें ब्रिटेन ने यूरोपियन इकोनॉमिक कम्यूनिटी का सदस्य बने रहने के लिए मतदान किया था. यह समूह बाद में यूरोपीय संघ बन गया था. इस जनमत संग्रह का परिणाम ब्रिटेन की सरकार के लिए कानूनी तौर पर बाध्यकारी तो नहीं है लेकिन डेविड कैमरन ने बार-बार यही वादा किया है कि जनता की इच्छा को स्वीकार किया जाएगा.

एकदम से कुछ नहीं बदलेगा

इस परिणाम के तुरंत बाद, ब्रिटेन फिलहाल यूरोपीय संघ का सदस्य बना रहेगा और एकदम से कुछ नहीं बदलेगा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पहले ही संकल्प ले चुके हैं कि यदि जनमत संग्रह का परिणाम यूरोपीय संघ को छोड देने के पक्ष में आता है तो वह वर्ष 2009 की लसि्बन संधि के 50वें अनुच्छेद को लागू करेंगे. यह अनुच्छेद यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने के लिए समूह के शेष 27 सदस्य देशों के साथ बातचीत शुरू करता है. इस प्रक्रिया में दो साल या इससे ज्यादा का समय लग सकता है. सभी पक्षों के सहमत होने पर बातचीत की अवधि को बढाया भी जा सकता है. एक बार अनुच्छेद 50 को लागू कर दिए जाने पर, वापस यूरोपीय संघ में आना सभी सदस्य देशों की सहमति पर ही हो सकेगा.

Be the first to comment on "UK Referendum: ब्रिटेन के पीएम डेविड कैमरन देंगे इस्तीफा"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!