अनूपपुर. कपास के पेड से रूई निकलते देखा होगा, लेकिन किसी इंसान की आंखों से रूई निकले तो क्या कहेगे? वि.ख.कोतमा से 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खम्रौध के पचखुरा में 11 वर्षीय किशोरी के आंखों से अपने आप ही रूई निकल रही है. जिसे डॉक्टर भी देख दंग है. बताया जाता है कि ग्राम पचखुरा निवासी गेंदलाल केवट की पुत्री मानसी केवट माध्यमिक शाला खम्रौध में कक्षा 6 की पढाई कर रही है. जिसकी अंाखों से 24 अगस्त से अपने आप ही धागे की तरह रूई का अंश निकल रहा है. घटना से परिजन सहमे हुए हैं तथा अफवाहों में भूत प्रेत, देवी देवता के नाम झाड़ फूंक करवा रहे हैं. यहीं नहीं बेटी की हालत देखकर परिजनों ने मानसी को सहायक नेत्र चिकित्सक कोतमा एम.ए.कुरैशी को दिखाया गया. जहां डॉक्टर भी यह देख कर हैरान है तथा इस तरह की घटना पहली बार सामने आने की बात कह रहे हैं. परिजनों के अनुसार मानसी की आखों से 24 अगस्त से दिन में दिन में 30 से 40 बार रूई एवं धागे के छोडे-छोडे टुकडे निकालते रहे थे. आज उसकी आखों से दिन में 5 से 10 बार रूई एवं धागे के टुकडे निकल रहे है. स्कूल में मानसी के आंखों से रूई निकलता देखकर छात्राओं व शिक्षकों में भय का माहौल बन गया था. जिसे परिजनों को डॉक्टरों से दिखाने की सलाह दी गई. लेकिन परिजन दैवीय प्रकोप की बात कह डॉक्टरो से ईलाज कराने के बजाए गांव में ही बाबा के झाड़ फूंक के चक्कर में मानसी का इलाज करा रहे हैं. वहीं अंधविश्वास में झाड़ फूंक कर रहे बाबा भी मानसी के ठीक होने की दुहाई दे रहे हैं. इन्होने कहा हैमानसी केवट को डॉक्टर कुरैशी के साथ जिला अस्पताल भेज दें, यहां जांच कर जानने का प्रयास किया जाएगा कि आंख से क्यों रूई धागे निकल रहे रहे. इस तरह की घटना मंने पहली बार सुनी है. डॉ. आरपी श्रीवास्तव, सीएचएमओ अनूपपुर.परिजनों द्वारा मेरे पास उपचार के लिए लाने के दौरान लड़की की आंखों से रूई व धागे निकलते देखकर मैं भी दंग रहा गया. इस प्रकार की बीमारी अबतक नहीं सुनी और ना ही पढ़ी है. इसे बेहतर नेत्र चिकित्सक के उपचार की जरूरत है. एमए कुरैशी, सहायक नेत्र चिकित्सक कोतमा.
आंखों से निकल रहे रूई के धागे, डॉक्टर भी नहीं बता पा रहे बीमारी

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