जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के दौरान शहीद बीएसएफ के हेड कांस्टेबिल गिरीश कुमार शुक्ल का रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। तिरंगे में लिपटे शहीद को देखकर पूरा सुलमई गांव रो पड़ा। देश के लिए असाधारण बलिदान देने वाले सपूत को नैनी के अरैल घाट पर सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम विदाई दी गई।

श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर आतंकी हमले में करछना के सुलमई के लाल गिरीश कुमार शुक्ल (45) शहीद हो गए थे।
वह पंजाब में बीएसएफ में हेड कांस्टेबिल के पद पर तैनात थे। शुक्रवार को वह अपनी बटालियन के साथ पंजाब से जम्मू जा रहे थे। शाम करीब साढ़े चार बजे श्रीनगर जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के बिजबेहड़ा के समीप आतंकवादियों इनके बटालियन पर हमला कर दिया जिसमें गिरीश शहीद हो गए।

शनिवार को उनका पार्थिव शरीर पहले जम्मू से दिल्ली और फिर रात में वहां से वाराणसी लाया गया। रविवार भोर में तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव सुलमई पहुंचा। पत्नी कविता का बिलखना देख पूरा गांव रो पड़ा। गिरीश के तीन बेटे राघवेन्द्र, नागेन्द्र और धर्मेन्द्र हैं।
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