नई दिल्ली. 2.1 लाख फर्जी कंपनियों की जानकारी सार्वजनिक करने के बाद केंद्र को मोदी सरकार द्वारा अब देशभर में मौजूद इन कंपनियों की संपत्तियों पर नजर बनाए हुए है. केंद्र ने राज्य सरकारों से अपील की है कि वह शेल कंपनियों पर नकेल कसे. सरकार ने राज्यों से उन 2.1 लाख से ज्यादा कंपनियों की संपत्ति की पहचान करने के लिए कहा है जिनका पंजीकरण रद्द किया जा चुका है. इस बारे में जानकारी देते हुए कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय में राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने बताया कि ऐसी संपत्तियों की पहचान की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की जरूरत है और जानकारी कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ समयबद्ध तरीके से साझा की जानी चाहिए. उन्होंने आगे बताया क्योंकि देश की सभी जमीन का ब्योरा कंप्यूटराइज्ड है इसलिए इन कंपनियों से निदेशकों और हितधारकों की जानकारी एकत्रित करने में देरी नहीं होनी चाहिए और इन जानकारियों को जिला प्रशासन या फिर केंद्र से साझा करना चाहिए. बता दें कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने इन 2.1 लाख कंपनियों का पंजीकरण इसलिए रद्द करने का फैसला किया था क्योंकि ये कंपनियां लंबे समय से कारोबार नहीं कर रही थीं.
केंद्र सरकार के रडार पर 2.1 लाख फर्जी कंपनियां, राज्यों से मांगी जानकारी

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