नई दिल्ली. देश में गोरक्षा के नाम पर हिंसा और हत्या की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. देश की सर्वोच्च अदालत ने कथित गोरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए देशभर के हर जिले में एक नोडल अफसर की तैनाती का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि हर जिले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी को नोडल अफसर बनाकर तैनात किया जाए. कोर्ट के निर्देशों के अनुसार इस टास्क फोर्स में एक सीनियर पुलिस अधकारी की नियुक्ति होगी. यह अधिकारी नोडल ऑफिसर होगा जो सुनिश्चित करेगा कि राज्य के किसी भी ज़िले में हिंसा न हो. कोर्ट ने निर्देश दिया कि नोडल ऑफिसर राज्य के राजमार्गों पर पैट्रोलिंग सुनिश्चित करेगा ताकि हाईवे पर हिंसा न हो. कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी को मॉब लिंचिंग को लेकर उठाए गए कदमों को लेकर शपथपत्र देने के निर्देश दिए हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि कुछ ऐसा जरूर करना चाहिए ताकि लोग कानून को अपने हाथ में न ले सकें. जब एएसजी तुषार मेहता ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर काबू करने के लिए कानून हैं. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “कानून है लेकिन अब तक क्या कदम उठाए गए हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से काम कर सकते हैं ताकि हिंसा की घटनाएं न बढ़ें. केंद्र कहता है कि यह राज्यों का मामला है और राज्य कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. इसे रोकने के लिए कदम उठाना जरूरी है.” सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल को 6 राज्यों से इस संबंध में जवाब मांगा था. यह याचिका पिछले साल 21 अक्टूबर को दायर की गई थी. 21 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को आदेश दिया था कि गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा को शरण न दें और इस पर कड़ी कार्रवाई करें.
गोरक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: हर जिले में नोडल अफसर की तैनाती का निर्देश

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