जिंदगी और मौत की लड़ाई के दौरान लाखों की ‘अम्मा’ यानि जयललिता के लिए दुआओं का अंबार लगा हुआ था। लेकिन, एक सच यह भी है कि उन्हें इस कठिन दौर में ‘अपनों’ का साथ नहीं मिला। जयललिता अपने आखिरी समय में अकेली थीं और इसकी वजह थी, उनका परिवार से कोई रिश्ता-नाता नहीं होना। जयललिता करीब दो महीने तक अस्पताल में रहीं पर इस दौरान उनके परिवार का कोई भी सदस्य उनके साथ नहीं था। हालांकि, उनके भाई जयकुमार की बेटी दीपा ने पुलिस कर्मियों को अपनी पहचान बताई और उनसे मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें जयललिता से मिलने नहीं दिया गया।टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार दीपा ने बताया कि 2014 में वह और उनके पति जेल से छूटे थे और वह ‘अम्मा’ से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे थे.
जानें क्यों, लाखों की ‘अम्मा’ को नहीं मिला आखिरी समय में ‘अपनों’ का साथ

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