कृषि विश्वविद्यालयों का मॉडल एक्ट बनेगा

पीपीपी मोड में खुलने वाले महाविद्यालयों की नीति बनेगी
कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन की अध्यक्षता में राजमाता एवं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय समिति की बैठक में निर्णय
 

भोपाल :

जवाहरलाल नेहरू एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के लिए मॉडल एक्ट बनाया जायेगा। इसके साथ ही पीपीपी मोड में खुलने वाले कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश आदि के लिए नीति बनाई जायेगी। यह निर्णय आज किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन की अध्यक्षता में दोनों कृषि विश्वविद्यालय की समन्वय समिति की बैठक में लिया गया। बैठक में अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी. मीणा, प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा, कुलपति जे.एन.के.वी. प्रो. विजय सिंह तोमर, कुलपति आर.वी.एस.के.वि. प्रो. अनिल सिंह, संचालक एक्सटेंशन डॉ. वी.के. बिसेन और अधिष्ठाता डॉ. पी.के. बिसेन उपस्थित थे।

कृषि मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को आपसी तालमेल और समन्वय से काम करने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षण व्यवस्था में आज के संदर्भ में और अधिक गुणवत्ता लाने पर जोर दिया।

बैठक में दोनों विश्वविद्यालय में मॉडल एक्ट लागू करने के लिए पंतनगर (उ.प्र.) और तमिलनाडु के कृषि विश्वविद्यालय में लागू एक्ट का अध्ययन करने का निर्णय लिया गया। निजी क्षेत्र में खुलने वाले कृषि महाविद्यालयों की नीति बनाने, दोनों विश्वविद्यालयों के बीच स्थानांतरण नीति, जैविक डिप्लोमा, रिक्त पदों पर भर्ती करने संबंधी निर्णय लिये गये।

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