इस्लामाबाद।यहां की एक जवाबदेही अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में सोमवार को सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई। उन्होंने विदेश में अपने एक स्टील कारखाने के बारे में जानकारी नहीं दी थी। वहीं उनकी बेटी मरियम ने इस फैसले की आलोचना की है। डॉन अखबार की रपट के अनुसार, न्यायमूर्ति अरशद मलिक ने शरीफ पर भारी जुर्माना भी लगाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सऊदी अरब की एक कंपनी अल-अजीजिया स्टील मिल्स पूर्व प्रधानमंत्री की है और वह यह बताने में असमर्थन रहे कि इस कंपनी में धन कहां से आया।
फैसले के बाद पुलिस ने शरीफ(68) को हिरासत में ले लिया। उन्होंने न्यायाधीश से उन्हें इस्लामाबाद के समीप रावलपिंडी के स्थान पर लाहौर की जेल में रखने का आग्रह किया।
देश के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज इस फैसले के विरुद्ध अपील कर सकते हैं।
फैसले के बाद अदालत से बाहर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘मेरी अंतरात्मा स्पष्ट है कि मैंने कभी भी भ्रष्टाचार नहीं किया।’
उनकी बेटी मरियम ने ट्विटर पर फैसले की आलोचना की और कहा, ‘एक व्यक्ति को चौथी बार सजा सुनाई गई है।’
उनके बेटे हसन और हुसैन को भगोड़ा घोषित किया गया है। दोनों पाकिस्तान में नहीं हैं।
शरीफ को हालांकि सबूत के अभाव में ब्रिटेन में प्रमुख निवेश कंपनी के संबंध में कथित भ्रष्टाचार के मामले में बरी कर दिया गया है।
वह और उनके बेटे 16 छद्म कंपनियों के जरिए महंगी संपत्ति खरीदने और रखने के आरोपी हैं।
एनएबी के विशेष अभियोजक सरदार मुजफ्फर अब्बासी ने कहा कि शरीफ को सुनाई गई सजा में यह भी शामिल है कि वह 10 वर्षो तक कोई भी सार्वजनिक पद नहीं संभाल सकते। सात वर्षो की सजा काटने के बाद यह अयोग्यता प्रभावी हो जाएगी।
शरीफ को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत परिसर से बाहर लाया गया है। फैसले के विरोध में पीएमएल-एन के समर्थकों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसके जवाब में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन के नेता शाहिद खकान अब्बासी ने कहा, ‘पाकिस्तान के लिए यह एक और काला दिन है। एक अन्य काला फैसला।’
वहीं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ(पीटीआई) ने इस फैसले का सराहा और इसके नेता व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, ‘आज नवाज शरीफ का असली चेहरा बेनकाब हो गया है।’
फैसला सुनाने के मद्देनजर इस्लामाबाद के न्यायिक परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। अदालत परिसर के आस-पास कम से कम 1,400 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। अदालत की ओर जाने वाले सभी मार्गो को बंद कर दिया गया था।
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