रूस और सीरिया के हवाई हमलों में एलेप्पो शहर के विद्रोही कब्जे वाले पूर्वी इलाके में सबसे बड़े अस्पताल को बंद करना पड़ा है. मेडिकल चैरिटी के मुताबिक इन हमलों में दो लोग मारे गए हैं.
अस्पताल को सहयोग करने वाली सीरियन अमरीकी मेडिकल सोसाइटी ने कहा दो मरीज़ मारे गए इस दौरान अन्य को वैकल्पिक सुविधाओं में भेज दिया गया.
सीरियन अमरीकी मेडिकल सोसाइटी ने कहा कि अस्पताल बैरल बमों के निशाने पर आ गया था.
एक मेडिकल कर्मचारी के मुताबिक शनिवार को हुए हवाई हमलों में एलेप्पो का मुख्य ट्रामा ए-10 अस्पताल तीसरी बार निशाना बना है.
रेडियोलॉजिस्ट अबु राज़ाब ने रॉयटर को बताया, “अब ये अस्पताल पूरी तरह से बंद है.”
“दीवारों, बुनियादी सुविधाओं, उपकरण और जनरेटर को नुकसान पहुंचा हैं.
यहां कोई गार्ड और स्टाफ नहीं बचा है. यह पूरी तरह से अंधकार में है.”
अस्पताल के मैनेजर डॉ. अबु राज़ान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बैरल बम के हमले के बाद अस्पताल में कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं.
उन्होंने कहा कि हेलीकाप्टरों से क्लोरीन बम और विस्फ़ोटक गिराए गए.
अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के एक प्रवक्ता ने बमबारी की निंदा की है. उन्होंने कहा कि ये हमला चिकित्सीय पेशेवरों और मरीज़ों का अपमान है.
फ्रांस के विदेश मंत्री जॉन मार्क एरो ने भी इस हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि अस्पताल पर हमला युद्ध अपराध है.
उधर ख़बरें आ रही हैं कि रूस समर्थित सीरिया के सरकारी बल एलेप्पो के ऐतिहासिक पुराने शहर को भी निशाना बने रहे हैं.
कई इलाकों में सरकारी फौज और विद्रोहियों के बीच संघर्ष चल रहा है.
सीरिया और रूस की वायु सेना ने विद्रोहियों के कब्जे वाले शहर के पूर्वी हिस्से पर 19 सितंबर को युद्ध विराम समाप्त होने के बाद दोबारा हमले शुरू कर दिए हैं. सीरिया के सरकारी सैन्य बलों ने विद्रोहियों के ख़िलाफ़ ज़मीनी जंग भी छेड़ दी है.
अमरीका का कहना है कि रूस नरमपंथी विद्रोहियों को जिहादियों की बांहों में धकेल रहा है.
एक समय में सीरिया का औद्योगिक और व्यावसायिक गढ़ रहा एलेप्पो साल 2012 से दो हिस्सों में बंटा हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रूसी और सीरियाई सेना के हमलों में पिछले एक हफ़्ते में कई बच्चों समेत करीब 400 नागरिकों की मौत हुई है. यहां नागिरकों की मृत्यु दर के बढ़ने से विश्व स्तर पर इन हमलों का विरोध हो रहा है.
Be the first to comment on "सीरिया: बमबारी से बंद हुआ एलेप्पो का सबसे बड़ा अस्पताल"