नाबालिग का बाल विवाह हुआ निरस्त

सारथी ट्रस्ट की कृति भारती अब तक 30 के बाल विवाह निरस्त करवा चुकी हैं
श्रीगंगानगर।
यहां की अशोक नगर निवासी एक 27 वर्षीय युवती का जोधपुर निवासी एक नाबालिग किशोर (17 वर्षीय) के साथ हुआ बाल विवाह जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश अजय कुमार ओझा ने निरस्त कर दिया है। दोनों का विवाह गत वर्ष फरवरी में हुआ था। न्यायाधीश ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियिम की धारा 3 के अंतर्गत बाद स्वीकार करते हुए 23 अप्रेल 2016 को फैसला सुनाया। यह विवाद किशोर की ओर से दायर किया गया था।
सारथी ट्रस्ट की कृति की मुख्य भूमिका
बाल विवाह को निरस्त करवाने की यह कार्यवाही जोधपुर के सारथी ट्रस्ट के प्रयासों से हुई है। इस ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक कृति भारती की मुख्य भूमिका रही। वे अब तक देशभर में 30 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवा चुकी हैं। उन्होंने वर्ष 2012 में पहला बाल विवाह निरस्त करवाया था। कृति का नाम इसके लिए लिम्बा बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है, वहीं सीबीएसई ने कक्षा 11 के पाठ्यक्रम में भी कृति की मुहिम को शामिल किया।
युवती को भी किया सहमत
हाल जोधपुर निवासी 17 वर्षीय किशोर का विवाह उससे दस वर्ष बड़ी युवती से हुआ। युवती के संरक्षक की मृत्यु के बाद समाज के बुजुर्गों ने दबाव बनाकर बाल विवाह करवा दिया। नाबालिग लड़के ने कृति भारती के सहयोग से विवाह निरस्त करने के लिए आवाज उठाई और जोधपुर पारिवारिक न्यायालय संख्या-1 में बाल विवाह निरस्त करने हेतु वाद प्रस्तुत किया। कृति ने न्यायालय में तथ्यों से अवगत करवाया। इस बीच कृति भारती ने अवैध विवाह निरस्त के लिए युवती और दोनों पक्षों के परिजनों की काउंसलिंग की। युवती स्वयं से 10 वर्ष छोटे लड़के से हुए बाल विवाह को निरस्त करवाने पर सहमत हो गई। न्यायाधीश इस प्रकरण में दोनों पक्षों की उपस्थिति और उनका पक्ष सुनने के बाद खुले न्यायालय में विवाद निरस्त करने का फैसला सुनाया तथा कहा कि आखातीज के अवसर पर नाबालिगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाली सामाजिक रूढी बाल विवाह के खिलाफ संदेश दिया जाना जरूरी है।
लड़कों को भी दंश झेलना पड़ता है
कृति भारती का कहना है कि बाल विवाह से केवल लड़कियां ही पीडि़त नहीं होतीं, लड़कों को भी इसका दंश झेलना पड़ता है। इस बार लड़की ने नहीं, लड़के ने बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई और न्यायालय ने त्वरित न्याय देकर मिसाल कायम की। इससे समाज की धारणा भी बदलेगी।

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